अमरनाथ यात्रा को पवित्र और आध्यात्मिक यात्राओं में से एक माना गया हैं ।
जुलाई-सितम्बर का महीना अमरनाथ यात्रा के लिए अनुकूल महीना माना जाता हैं। इसे अमरनाथ गुफा के रूप में पूरे दक्षिण एशिया में 51 शक्ति पीठों में एक माना जाता हैं। और भगवान शिव बर्फ़ के आकार में लिंगस्वरूप के माध्यम से भक्तों को दर्शन देते हैं।
इस साल भी बाबा अमरनाथ के आशीर्वाद से तय कार्यक्रम के अनुसार तीर्थ यात्रा शुरू हुई। लेकिन बादल फटने की घटना के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था । हमारे टास्क फ़ोर्स द्वारा भक्तों को सुरक्षित बचा लिया गया। श्रद्धालु यात्रा शुरू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहें हैं।
पूज्य स्वामी प्रियम जी भक्तों की किसी भी स्थिति में मदद करने और समर्थन करने इस निस्वार्थ कार्य के लिए खुद को समर्पित कर रहें हैं।
हम उन्हें विभिन्न भक्तों से उनके कैंप जा कर मिलते हुएँ एवं लोगों से बात करते हुए देख सकते हैं। उन्होंने सभी यात्रियों से बात कर आस्वसन दिलाया कि यात्रा पुनः जल्द से जल्द प्रारम्भ होगा उन्होंने बताया कि श्राइन बोर्ड यात्रियों के लिए रात दिन काम कर रहाँ हैं। शासन प्रशासन भी यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराने के लिए तत्पर हैं।
स्वामी प्रियम जी अग्रिम पंक्ति के नायकों और प्रशासन के साथ काम कर रहें हैं।वह यात्रियों से मिल कर आश्वस्त कर रहें हैं की किसी भी यात्री को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी ।
रिपोर्ट के अनुसार अमरनाथ गुफा जाने का मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। और मरम्मत का काम अभी भी जारी हैं। एनडीआरएफ़ की टीम काम कर रहीं हैं जो फ़सें हुएँ यात्री हैं उनको को सुरक्षित निकालने में एवं मार्ग को जल्द से जल्द सही करने में ताकि यात्रा प्रारम्भ हो सके ।
रेसक्यू टीम दिन-रात लगातार काम कर रहीं। बचाव अभियान भारतीय सेना, सीआरपीएफ़, आईटीबीपी, एसएसबी सीआईएसएफ़ बीएसएफ़ के संयुक्त प्रयास के साथ साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया और स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्य किया जा रहाँ है ।
कई लोग गम्भीर रूप से घायल भी हुएँ हैं और कुछ भक्तों की जान भी गयीं हैं। इस घटना के बाद स्वामी प्रियम जी बहुत ही चिंतित हो गए है और वे हर प्राणी के लिए सहायक और मददगार साबित हो रहें हैं।
स्वामी जी ने आत्मा की शांति के लिए अपनी प्रार्थना भी किया और उन्होंने कामना किया की यात्रा जल्द से जल्द फिर से शुरू हो ताकि सभी यात्री सुरक्षित बाबा अमरनाथ के दर्शन कर सके ।