नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने 1970 और 1980 के दशक की शुरुआत में जिस तरह से निडर होकर तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया, उससे न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में उनके प्रशंसक बन गए। एक टीवी कमेंटेटर के रूप में उन्होंने मैदान के बाहर भी अपना जलवा दिखाया और विश्व क्रिकेट में सबसे सम्मानित आवाजों में से एक बन गए और अब, इंग्लैंड के लीसेस्टर में एक मैदान का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
गावस्कर खुद उनके सम्मान में लगाई गई पट्टिका का उद्घाटन करने के लिए पांच एकड़ के मैदान में मौजूद थे। गावस्कर के नाम पर मैदान के नामकरण की पहल कीथ वाज ने की थी, जो ब्रिटेन के भारतीय मूल के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसद हैं।
गावस्कर ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ”मेरे नाम पर लीसेस्टर में एक मैदान का नाम रखा गया। यह मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक पहचान है जो मेरे साथ टेनिस बॉल के दिनों से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले। मेरे परिवार, मेरे प्रशंसकों और शुभचिंतकों सभी के लिए, इस अविस्मरणीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।”
सर्वकालिक महान सलामी बल्लेबाजों में से एक गावस्कर ने 125 टेस्ट में 51.12 की औसत से 34 शतक और 45 अर्द्धशतक के साथ 10,122 रन बनाए हैं। इसके अलावा गावस्कर ने 108 एकदिवसीय मैचों में 35.1 की औसत से 3,092 रन बनाए हैं। उनके ज्यादातर रन उस समय के खतरनाक वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ आए। कप्तान के रूप में, उन्होंने उस टीम का नेतृत्व किया, जिसने 1985 में क्रिकेट की बेन्सन एंड हेजेज विश्व चैम्पियनशिप जीती थी।