दिघलीपुखरी में मनाया गया कारगिल विजय दिवस

मंत्री हजारिका ने कारगिल युद्ध में असम के तीन वीरों समेत देश के सभी शहीदों को दी श्रद्धांजलि

-सैनिक यह जानते हुए भी कि देश सेवा में जीवन खतरे में पड़ेगा, फिर आगे बढ़ते है : मंत्री हजारिका

गुवाहाटी, 26 जुलाई (हि.स.)। असम सरकार के जल संसाधन, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका ने मंगलवार को गुवाहाटी के दिघलीपुखरी स्थित राज्य युद्ध स्मारक परिसर में सैनिक कल्याण असम की पहल पर आयोजित कारगिल विजय दिवस में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को याद करते हुए ‘अमर जवान’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि वह भारतीय सेना के अपार बलिदानों और देशभक्ति का सम्मान करते हैं और आज कारगिल विजय दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने पर बहुत प्रसन्नता महसूस करते हैं।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने कभी राजनीतिक क्षेत्र को प्रभावित करने या कब्जा करने की कोशिश नहीं की, जैसा भारत की सीमाओं के पार अन्य देशों में होता रहा है। भारतीय सेना हमेशा दूसरों से अलग और अद्वितीय रही है। मंत्री ने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए सेना के बलिदानों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि सेना ने बाढ़, भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आम आदमी की सुरक्षा के लिए सेवाएं प्रदान की हैं। मंत्री ने उपस्थित सेना के वर्तमान और पूर्व जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “यह जानते हुए कि आपका जीवन खतरे में पड़ सकता है, आप सेना में शामिल हुए, यहां तक कि जब हम निश्चिंत होकर रात में बिस्तर पर सो रहे हैं, तब भी आप मातृभूमि की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाते हैं, जिसके लिए आपका अपने दिल की गहराइयों से सम्मान करता हूं।” मंत्री हजारिका ने कहा कि वह इस मंच से उन सभी बहादुर सैनिकों को याद करते हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए जीवन का बलिदान दिया था।

आज के कारगिल विजय दिवस समारोह की शुरुआत में मुख्य अतिथि मंत्री हजारिका ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए असम के जवान उद्धव दास की वीर मां खर्गेश्वरी देवी और कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले सेवानिवृत्त कर्नल डीके बोरा को सम्मानित किया।

गौरतलब है कि असम के तीन बहादुर जवानों ने कारगिल युद्ध में प्राणों की आहुति दी थी। इनमें कैप्टन जिंटू गोगोई, उद्धव दास और हवलदार नारायण सिन्हा शामिल हैं।

1999 में कारगिल में पाकिस्तान के खिलाफ करीब 67 दिनों तक चले युद्ध में असम के तीन जवानों समेत 676 जवान शहीद हो गए थे। असम के सैनिक कल्याण निदेशालय की पहल के तहत 2018 से दिघलीपुखरी के किनारे कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

आज के कार्यक्रम में मंत्री के साथ ही कारगिल युद्ध में शहीद जवान उद्धव दास, खर्गेश्वरी देवी, सेवा निवृत्त कर्नल डीके बोरा, सैनिक वेलफेयर असम के निदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जोशी नारायण दत्ता, गुवाहाटी लायंस क्लब के पदाधिकारी, कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों, वर्तमान में सेना में सेवारत अधिकारियों व जवानों ने भाग लिया।

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