— पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 43 फीसदी अधिक हुई बारिश
कानपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। जुलाई के महीने में मध्य बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए मध्य भारत को प्रभावित करते रहे। इनके प्रभाव से मध्य भारत के अधिकांश राज्यों में भारी बारिश देखी गई। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को भी कई बार भारी बारिश मिली। एक बार फिर मध्य प्रदेश में भारी बारिश के आसार बन गये हैं। यह बातें रविवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने बताया कि मानसून में अब तक पश्चिमी मध्य प्रदेश को सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक बारिश मिली है। पूर्वी मध्य प्रदेश सामान्य बारिश देख चुका है परंतु उसे सामान्य से आठ प्रतिशत कम वर्षा प्राप्त हुई है। जबकि छत्तीसगढ़ को सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक बारिश मिली है। मानसून की रेखा अब एक बार फिर मध्य भारत की तरफ बढ़ रही है। इसके प्रभाव से अगले चार या पांच दिनों के दौरान मध्य प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भी अगले कुछ दिनों के दौरान तेज बारिश हो सकती है। आगामी बारिश के प्रभाव से पूर्वी मध्य प्रदेश में जो भी बारिश की कमी देखी जा रही है वह पूरी हो जाएगी। मानसून की रेखा 27 जुलाई से एक बार फिर उत्तर भारत का रुख करेंगी जिससे गंगा के मैदानी क्षेत्रों के ऊपर पहुंच जाएगी। कानपुर मण्डल सहित उत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। उस दौरान मध्य भारत में बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी आ सकती है।
बताया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वर्षा की तीव्रता में कमी आएगी परंतु हल्की वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा जारी रहेगी। जुलाई का महीना छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए वर्षा के लिहाज से बहुत ही अच्छा साबित होगा। मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि अगस्त के महीने में भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत को अच्छी बारिश मिलती रहेगी।