नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं किया है, तो अब आपके पास सिर्फ 7 दिन का समय बचा है। आईटीआर फाइल करने में आप जितना लेट करेंगे, आयकर विभाग की ई-फालिंग वेबसाइट पर उतना ही ज्यादा ट्रैफिक बढ़ेगा। ऐसे में आईटीआर दाखिल करते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सही फॉर्म का चयन नहीं करने पर आयकर विभाग आपके रिटर्न को रिजेक्ट कर सकता है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित रंजन ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि आयकर रिटर्न फाइलिंग के लिए आयकर विभाग ने 7 तरह के फॉर्म जारी किये हैं। रिटर्न फाइल करते समय आय के हिसाब से फॉर्म का चयन किया जाता है। आपके लिए कौन-सा आईटीआर फॉर्म चुनना सही होगा। इसके लिए जानिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट की राय, जिसे उनसे की गई बातचीत के आधार पर हम आपसे साझा कर रहे हैं:
ITR-1:- अगर आप भारतीय नागरिक हैं और आपकी आय 50 लाख रुपये तक है, तो यह फॉर्म आपके लिए सही है। आय स्रोत के तौर पर सैलरी, फैमिली पेंशन, एक आवासीय संपत्ति जैसे सोर्स होने चाहिए। यदि आपको कृषि से आय 5 हजार रुपये तक है, तो आप आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न फाइल करने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या किसी अनलिस्टेड कंपनी में उसके शेयर हैं, तो वो आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकते हैं।
ITR-2:- आईटीआर फॉर्म-2 ऐसे इंडिविजुअल और अविभाजित हिंदू परिवारों के लिए है, जिनकी आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा है। इसके तहत एक से अधिक आवासीय संपत्ति, निवेश पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपये से ज्यादा की डिविडेंड आय और कृषि से 5 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई की जानकारी देनी होती है। अगर प्रॉविडेंट फंड से ब्याज के तौर पर आपकी कमाई हो रही है, तब भी यही फॉर्म भरा जाता है।
ITR-3:- आईटीआर फॉर्म-3 अगर आप बिजनेस करते हैं या किसी प्रोफेशन से आपकी इनकम हो रही है, तो यह फॉर्म आपके लिए है। इसमें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराया की इनकम होती है।
ITR-4:- इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) लोग जिनको बिजनेस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही है। ऐसे करदाताओं को आईटीआर फॉर्म-4 भरना होता है।
ITR-5:- आईटीआर फॉर्म-5 उन संस्थाओं को भरना होता है, जिन्होंने खुद को फर्म, एलएलपी, एओपी, बीओआई के तौर पर रजिस्टर्ड करा रखा है। उनके लिए यह फॉर्म है।
ITR-6:- आईटीआर फॉर्म-6 उन कंपनियों के लिए होता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मिलती है। आईटीआर-6 ऑनलाइन भरा जा सकता है।
ITR-7:- आईटीआर फॉर्म-7 ऐसे लोगों या कंपनियों के लिए है, जो सेक्शन 139(4ए) या सेक्शन 139(4बी) या सेक्शन 139(4सी) या सेक्शन 139(4डी) के तहत रिटर्न दाखिल करते हैं।
अमित रंजन ने बताया कि आकलन वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। राजस्व सचिव के मुताबिक ई-फाइलिंग पोर्टल पर आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अभी तक 2.3 करोड़ से अधिक आईटीआर प्राप्त हुए हैं। फिलहाल बहुत से लोगों ने आईटीआर फाइल नहीं किया है। ऐसे में सही समय पर अपना रिटर्न फाइल करें, ताकि विलम्ब शुल्क से आप बच सकें।