काबुल, 23 जुलाई (हि.स.)। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने मीडिया को धमकी दी है कि अब विद्वानों व लोकसेवकों की आलोचना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा करने वालों को कड़ी सजा देने की बात कही गयी है।
अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद से ही तालिबान लगातार नए-नए फरमान जारी करता रहता है। इस बार आलोचना व आरोपों को लेकर फरमान सामने आया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अपने नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा द्वारा दिए गए निर्देश जारी करते हुए इन दिशा-निर्देशों को मीडिया के लिए शरिया जिम्मेदारी करार दिया है। तालिबान ने कहा है कि बिना किसी प्रामाणिकता के ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ के विद्वानों और लोकसेवकों की आलोचना करने वालों को दंडित किया जाएगा।
तालिबान ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि अफगानिस्तान में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनावश्यक आरोपों और झूठी आलोचना करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
दरअसल, तालिबान पर लंबे समय से मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद से अक्सर लड़कियों की शिक्षा और महिला अधिकारों पर अपने रुख के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। अब लगातार इस तरह की आलोचना से परेशान तालिबान ने फिर से फरमान सुना दिया है।