नई दिल्ली, 21 जुलाई (हि.स.)। नेशनल हेराल्ड मामले में गुरुवार को अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय में पेशी को लेकर सुबह से कांग्रेस के नेताओं का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। देखते-देखते प्रदर्शन की चपेट में दिल्ली की अधिकतर सड़कें और स्टेशन आ गये। वहीं एहतियातन दिल्ली पुलिस की टीम तड़के से ही यहां पर अलग-अलग रास्तों पर तैनात रही। आसपास के इलाकों में बैरिकेड लगाकर कुछ रास्ते को बंद कर दिया गया है, तो कुछ मर्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था। जिससे आसपास के मार्गों एवं वैकल्पिक मार्ग पर लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़।
शिवाजी ब्रिज पर कार्यकर्ताओं ने ट्रेनों को रोका
वहीं ईडी की कार्रवाई के विरोध में कुछ कांग्रेसी समर्थक एवं कार्यकर्ता शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन की पटरी पर पहुंच गए और वहां खड़ी दो ट्रेन के आगे आकर उसे रोकने का प्रयास किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तीन ट्रेनों को रोक दिया। रेलवे डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर करीब 12.45 बजे शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। इस बीच नई दिल्ली वाराणसी एक्सप्रेस और एक डीएमयू ट्रेन ट्रैक पर खड़ी थी। दोनों ट्रेनें पहले से ही शिवाजी ब्रिज पर मंजूरी के लिए इंतजार कर रही थीं।
इसी बीच विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता पटरी पर उतर आए। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जैसे ही लोगों को पकड़ने का काम शुरू किया। कांग्रेस कार्यकर्ता इधर-उधर भागने लगे। डीसीपी के अनुसार, चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
वाटर कैनन का किया गया इस्तेमाल
नई दिल्ली जिले में धारा-144 लागू होने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये पुलिस की तरफ से जिला पुलिस की रिजर्व बटालियन के अलावा करीब 20 अतिरिक्त कंपनी सुरक्षा बलों को चप्पे-चप्पे पर लगाया गया था। साथ ही जिन मार्गों पर डायवर्जन किया गया था या फिर जिन मार्गों को बंद किया गया था, वहां बेरिकेडिंग की गई थी, जिसे वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओें ने हटाने का प्रयास किया। इसपर पुलिस ने इनहें कार्यकर्ताओं की भीड़ के साथ रोका और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। वाटर कैनन के कारण लोगों की भीड़ कम हुई।
पुलिस ने सैकड़ो लोगों को लिया हिरासत में
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेसी नेता एवं कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं। पूछताछ को लेकर विरोध कर रहे इनमें से कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट एवं कई कांग्रेसी कार्यकर्ता सहित सैकड़ों लोग शामिल हैं। वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दूर-दराज स्थित थानों में ले गई। जहां कुछ देर रखने के बाद धीरे-धीरे करके इन्हें छोड़ दिया।
वहीं विरोध प्रदर्शन के उग्र होते ही पुलिस ने भी सख्ती बरतनी शुरू की। इलाके में धारा-144 लागू किए जाने के कारण किसी भी तरह के प्रदर्शन एवं मार्च की इजाजत नहीं थी। उपर से क्रांग्रेस को प्रदर्शन करने व मार्च निकालने की परमिशन भी नहीं थी। लेकिन सोनिया गांधी के ईडी कार्यालय के निकलने के साथ ही कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता पुलिस इंतजाम को धता बताते हुए सड़क पर उतर आए और सोनिया के साथ ईडी कार्यालय तक जाने की जिद करने लगे। कांग्रेस मुख्यालय से लेकर अशोक रोड, जनपथ में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा था।
ट्रैफिक पुलिस ने सुबह ही दी थी सूचना
ट्रैफिक पुलिस की ओर से सुबह नौ बजे से दो बजे तक गोल मेथी जंक्शन, तुगलक रोड जंक्शन, क्लेरिजेस जंक्शन, क्यू-पॉइंट जंक्शन, सुनहरी मस्जिद जंक्शन, मौलाना आजाद रोड जंक्शन और मान सिंह रोड जंक्शन पर जाने वाले रास्ते को डायवर्ट कर दिया गया था। इसके अलावा मोती लाल नेहरू मार्ग, अकबर रोड, जनपथ और मानसिंह रोड पर भी लोगों को जाने से मना किया गया है। इसके अलावा विशेष यातायात व्यवस्था की वजह से गोल डाक खाना जंक्शन, पटेल चौक, विंडसर प्लेस, तीन मूर्ति चौक, पृथ्वीराज रोड पर बसों के आने पर पाबंदी लगा दी थी।
इन रास्तों को खोला गया
ट्रैफिक पुलिस द्वारा डायवर्जन एवं सड़कों को बंद करने के निर्णय का सीधा असर इंडिया गेट, अशोक रोड, शाहजहां रोड और मंडी हाउस से लेकर मथुरा रोड और सरदार पटेल मार्ग तक देखने को मिला। इसका असर आसपास के इलाकों जिसमें कनॉट प्लेस, आईटीओ, तिलक मार्ग। वहीं दिल्ली गेट, पहाड़गंज से लेकर करोल बाग तक पड़ा। इन इलाकों में लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ा।