त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने आईजीएम अस्पताल के बुनियादी ढांचे को लेकर पिछली सरकार की कड़ी आलोचना की

अगरतला, 20 जुलाई । आईजीएम अस्पताल त्रिपुरा में एक पारंपरिक अस्पताल है। लेकिन हाल के दिनों में इस अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में विभिन्न ढांचागत समस्याएं देखी गई हैं। इस अस्पताल के बहुमंजिला भवन का निर्माण करते समय उचित योजना का भी अभाव है। अस्पताल में रैंप नहीं था। ऐसे में हड्डी रोग के मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने आज आईजीएम अस्पताल में 1050 एलपीएस क्षमता के पीएसयू ऑक्सीजन प्लांट और अस्पताल परिसर के सौंदर्यीकरण परियोजना का उद्घाटन कर पूर्व सरकार को फटकार लगाई है।

उन्होंने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग आईजीएम अस्पताल में वर्तमान में बन रहे नए बहुमंजिला भवन के सदुपयोग को महत्व दें। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न विभागों को जल्द ही इस नए बहुमंजिला भवन में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को चिकित्सा सेवाओं में लोगों का विश्वास अर्जित करना होता है। यदि नहीं, तो स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत विकास का कोई लाभ नहीं होगा। डॉक्टरों के महान पेशे से ही लोगों का विश्वास हासिल करना संभव है।

उनके अनुसार सरकार के सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। प्रदेश में इस समय 22 ऑक्सीजन प्लांट हैं। राज्य सरकार राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों सहित विभिन्न अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। डॉक्टरों को भी समय की कमी से बंधे बिना सेवाएं प्रदान करने में अधिक ईमानदार होने की आवश्यकता है।

उनकी अपील है कि मरीज-चिकित्सक संबंध बेहतर करें। नर्सिंग छात्रों को भी इस विषय में शुरू से ही उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही अस्पतालों में नियमित रूप से विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को राज्य के डॉक्टरों सहित चिकित्सा व्यवस्था में विश्वास रखने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में अस्पताल में जटिल बीमारियों का इलाज राज्य के डॉक्टरों से ही संभव है।

कार्यक्रम में मौजूद विधायक दिलीप दास ने कहा कि त्रिपुरा सरकार ने आईजीएम अस्पताल को मॉडल अस्पताल में बदलने की पहल की है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यभार संभालने के बाद आईजीएम अस्पताल के शल्य विभाग में 24 घंटे सेवा शुरू की गई। आईजीएम अस्पताल के नवनिर्मित भवन का शीघ्र लोकार्पण करने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक सुभाशीष दास ने कहा, आईजीएम में स्थापित 1050 एलपीएल क्षमता वाला पीएसयू ऑक्सीजन प्लांट पूर्वोत्तर क्षेत्र का सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के माध्यम से इसके लिए 2 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से भवन, पाइपलाइन और सिविल कार्यों के लिए लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

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