उच्च न्यायालय ने त्रिपुरा में ग्राम समितियों की चुनाव प्रक्रिया नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरी करने का प्रस्ताव दिया

अगरतला, 19 जुलाई : उच्च न्यायालय ने त्रिपुरा में ग्राम समिति के चुनाव नवंबर के पहले सप्ताह तक कराने का प्रस्ताव दिया है। त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने ग्राम समिति चुनाव से जुड़े एक जनहित मामले में ये फैसला सुनाया।

आज तिपरा मोथा पार्टी के प्रवक्ता एंथनी देवबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा में ग्राम समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है, लेकिन चुनाव से पहले नई समिति बनाने के लिए कोई पहल नहीं की गई है। हालांकि इस संबंध में त्रिपुरा सरकार से कई बार अपील की जा चुकी है, लेकिन लोगों के हित में चुनाव की संभावना नहीं दिख रही है। इसलिए, कोई रास्ता नहीं होने पर, आखिरकार अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। ग्राम समिति के चुनाव के लिए जनहित याचिका के माध्यम से न्यायालय का हस्तक्षेप मांगा गया। उन्होंने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई 13 जुलाई को पूरी हो गई थी। हाईकोर्ट ने इस साल नवंबर के पहले सप्ताह तक ग्राम समिति की चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का प्रस्ताव दिया है।

ग्राम समिति के चुनाव से संबंधित जनहित मामले में निर्णय की प्रतिलेख के अनुसार याचिकाकर्ता और प्रतिवादी के वकीलों ने विभिन्न तर्क दिए हैं। निवर्तमान ग्राम समिति का कार्यकाल 7 मार्च, 2021 को पूरा हुआ। तभी से कार्यवाहक प्रशासक ग्राम समिति का संचालन कर रहा है। कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव पूरा करने का नियम है। लेकिन, उस चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर किया गया। त्रिपुरा जनजाति क्षेत्र स्वशासीत जिला परिषद ग्राम समितियों के चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं।

आज एंथनी देबवर्मा ने शिकायत की कि टीटीएएडीसी को लोगों के विकास के लिए आवंटित धन से वंचित किया जा रहा है। क्योंकि ग्राम समिति के चुनाव समय पर पूरे नहीं हुए थे। स्वाभाविक रूप से लोग विकास से वंचित हैं। नतीजतन, ग्राम समिति के चुनाव तत्काल कराने की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि त्रिपुरा जनजाति क्षेत्र स्वशासीत जिले (ग्राम समितियों की स्थापना) अधिनियम, 1994 के धारा 20 के तहत ग्राम समितियों को महत्वपूर्ण कर्तव्यों और कार्यों को सौंपा है।

उस मामले में प्रतिवादियों ने कई हलफनामों में अदालत को ग्राम समिति के चुनाव में देरी का कारण बताया है। राज्य चुनाव आयोग ने हलफनामे में कहा है कि ग्राम समिति का चुनाव नई मतदाता सूची के अनुसार ही संपन्न कराया जाएगा। नई मतदाता सूची बनाने में समय लगता है क्योंकि इसे सामान्य मतदाता सूची से अलग करना होता है। साथ ही आयोग ने कहा, कोरोना के प्रकोप के कारण चुनाव से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करना संभव नहीं है। राज्य चुनाव आयोग ने 12 जुलाई को अपने आखिरी हलफनामे में अदालत को बताया था कि 26 अक्टूबर को ग्राम समिति चुनाव की अधिसूचना जारी करने और 28 नवंबर को चुनाव की संभावित तारीख है। क्योंकि दुर्गा पूजा और दिवाली के दौरान चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना संभव नहीं है।हाईकोर्ट ने तमाम मुद्दों को देखते हुए नवंबर के पहले सप्ताह तक ग्राम समिति चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का प्रस्ताव दिया है।

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