– यह यात्रा भारत-बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी
– कई रणनीतिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ समन्वय और सहयोग बढ़ने की उम्मीद
नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे तीन दिन के बांग्लादेश दौरे पर रविवार को रवाना हुए। भारत के साथ बांग्लादेश के उत्कृष्ट द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को जारी रखते हुए सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे का यह पहला विदेश दौरा है। उनकी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा कई रणनीतिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ समन्वय और सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
सेनाध्यक्ष ने अपनी यात्रा की शुरुआत बांग्लादेश पहुंचकर शिखा अनिर्बान पर माल्यार्पण करके की। उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। यात्रा के दौरान वह वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें करके रक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। वह धनमंडी में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान स्मारक संग्रहालय जाकर उन्हें भी श्रद्धांजलि देंगे।
अधिकारियों ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से आमने-सामने बात कर सकते हैं और देश के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।अपने दौरे के दूसरे दिन सेना प्रमुख सोमवार को मीरपुर के डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के छात्रों और फैकल्टी को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ पीस सपोर्ट एंड ट्रेनिंग ऑपरेशन्स (बीआईपीएसओटी) का दौरा करके सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। बांग्लादेश का यह प्रमुख संस्थान शांति सैनिकों को विभिन्न संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में रोजगार के लिए प्रशिक्षित करता है। इसके बाद वह मीरपुर में बंगबंधु सैन्य संग्रहालय का दौरा करने भी जाएंगे।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन लगभग एक माह पूर्व भारत की यात्रा पर आये थे और इस दौरान दोनों पक्षों ने तेजी से विस्तार लेते संबंधों में ‘विश्वास और आपसी सम्मान’ की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल मार्च में बांग्लादेश की यात्रा की थी और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोहों में भाग लिया था।