नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि गुजरात दंगे मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के हलफनामे से साफ हो गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने के साथ ही राज्य की छवि खराब करने की कोशिश की।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एसआईटी के हलफनामे ने इस सच्चाई को सामने लाया है कि इन साजिशों को अंजाम देने वाले लोग कौन थे। हलफनामे में कहा गया है कि अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची।
पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल तो बस एक नाम है, जिसकी प्रेरक शक्ति उनकी बॉस सोनिया गांधी थी। सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए गुजरात की छवि खराब करने की कोशिश की। पटेल के माध्यम से सोनिया ने नरेन्द्र मोदी का अपमान करने का प्रयास किया और वह इस पूरी साजिश के सूत्रधार थी।
संबित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में कहा था कि कुछ लोग षड्यन्त्र के तहत इस विषय को जीवित रखने का प्रयत्न कर रहे थे तथा गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे थे और अब इन लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसे। गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने षड्यन्त्र के तहत की थी, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। पहला उद्देश्य गुजरात की तब की सरकार को अस्थिर करना था और दूसरा, बेगुनाह लोगों को इसमें फंसाना था। इन निर्दोष लोगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी नाम शामिल था।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि इस संदर्भ में गठित एसआईटी ने एफिडेविट कोर्ट के सामने रखा है। ये हलफनामा कहता है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उसके सहयोगी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे। ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे। इनके दो उद्देश्य थे।आज हलफनामे में ये सामने आया है कि षड्यंत्र की रचयिता सोनिया गांधी के पूर्व मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल थे। सोनिया ने उनको आगे कर के नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने का षड्यंत्र रचा। इसके बाद न जाने कितने करोडों रुपये खर्च कर सोनिया गांधी ने मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए तथा राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल किया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया में आए हलफनामे के अनुसार इस काम के लिए पैसे दिए गए, पहले क़िस्त के रूप में 30 लाख रुपये सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ को दिए।अहमद पटेल आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल वो डिलीवरी की थी। तीस्ता को ये 30 लाख उस जमाने में मात्र पहली किस्त के रूप में दिए गए थे।