नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और बैंक इंडोनेशिया (बीआई) ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए शनिवार को एक समझौता किया। इस समझौते के तहत दोनों केंद्रीय बैंकों के बीच भुगतान प्रणाली और डिजिटल वित्तीय नवाचार में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों (एफएमसीबीजी) की बैठक के बीच आरबीआई और बैंक इंडोनेशिया के गवर्नरों की उपस्थिति में समझौता हुआ। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और बीआई गवर्नर पेरी वारजियो की उपस्थिति में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और बीआई के डिप्टी गवर्नर डोडी बुडी वालुयो ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
आरबीआई ने जारी एक बयान में कहा कि दोनों केंद्रीय बैंकों के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर से आपसी सहयोग को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच धन शोधन निवारण (एएमएल) तथा आतंकवाद के वित्त पोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की मदद करने पर सहमति बनी है। इसके अलावा आरबीआई और बीआई दोनों केंद्रीय बैंक संबंधों को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली, भुगतान सेवाओं में डिजिटल नवाचार और एएमएल-सीएफटी के लिए नियामक और पर्यवेक्षी ढांचे सहित सूचना और सहयोग के आदान-प्रदान को मजबूत करने के लिए इस एमओयू के तहत प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह एमओयू हमारे संयुक्त प्रयासों को एक औपचारिक तंत्र के भीतर आगे बढ़ाने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते से दोनों देशों को अपनी वित्तीय प्रणालियों को सुलभ, समावेशी और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।