नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए मिश्रित वित्त और निजी पूंजी का लाभ उठाने की जरूरत है। इंडोनेशिया के बाली में आयोजित वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की तीसरी जी-20 बैठक में सीतारमण ने यह बात कही। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक वित्त मंत्री ने ‘जलवायु परिवर्तन के लिए सतत वित्त गोलमेज सम्मेलन’ के संबोधन में टिकाऊ वित्त को बढ़ाने तथा सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) की भूमिका, मिश्रित वित्त और निजी पूंजी का लाभ उठाने की जरूरत पर जोर दिया। सीतारमण ने बैठक को संबोधित करते हुए ऊर्जा बदलाव के लिए भारत की द्विपक्षीय योजनाओं का भी उल्लेख किया।
सीतारमण ने कहा कि ऊर्जा सम्मिश्रण में नवीकरणीय घटकों को बढ़ावा देना और ऊर्जा सक्षमता तथा सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी नीतिगत कदमों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘पंचामृत’ रणनीति पर जोर दिया, जिसकी संकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने पिछले साल ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की लड़ाई में ‘पंचामृत’ तत्वों के इस्तेमाल का संकल्प लिया था।
तीसरी जी-20 बैठक से इतर सीतारमण ने इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मुल्यानी इंद्रावती के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इसके अलावा उन्होंने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री लॉरेंस वांग से भी मुलाकात की।