नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास की ओर से मुंबई बंदरगाह के अधिकारियों को रूस के जलयानों को आने की अनुमति नहीं दिए जाने संबंधी पत्र पर आपत्ति जाहिर की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से गुरुवार को साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पत्र के संबंध में सवाल पूछा गया। बागची ने इसके उत्तर में कहा कि यह प्रकरण हमारे संज्ञान में आया है। अमेरिकी राजनयिकों से कहा गया है कि इस तरह के कुटनीतिक मामलों को उपयुक्त प्रक्रिया के तहत उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास इस तरह के मामलों पर मिलकर विचार कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों के बारे में भारत के पुराने रवैये को दोहराया। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कई अवसरों पर स्पष्ट किया है कि भारत के रूस के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हैं तथा रूस पर प्रतिबंधों के मद्देनजर इन संबंधों में स्थायित्व बनाए रखने के लिए दोनों देश प्रयासरत है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए रूस से रियायती मूल्य पर कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रखी है। हाल में रिजर्व बैंक ने रूस के साथ व्यापार को सामान्य बनाए रखने के लिए स्वदेशी मुद्रा में लेन-देन की अनुमति दी है। इसके अलावा रूस और मध्य एशिया के देशों से ईरान होते हुए भारत तक माल की आवाजाही के लिए एक नए बहुआयामी परिवहन गलियारे का संचालन शुरू हुआ है।