कोलंबो, 14 जुलाई (हि.स.)। आर्थिक व राजनीतिक संकट झेल रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारी शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस कारण एक बार हटाने के बाद वहां पुन: कर्फ्यू लगाना पड़ा। सेना भी सड़कों पर उतार दी गयी। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ ने श्रीलंका में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन की अपील की है।
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालयों पर कब्जा कर रखा है। आंदोलनकारियों को शांत करने के लिए सेना को बल प्रयोग भी करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के विदेश भाग जाने और वायदे के अनुरूप इस्तीफा न देने से उनका गुस्सा और बढ़ रहा था। इस बीच तमाम कोशिशों के बाद प्रदर्शनकारी कुछ नरम पड़े और प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया है कि वे आधिकारिक इमारतों को जल्द छोड़ देंगे। इस पर श्रीलंका में कर्फ्यू भी हटा लिया गया था लेकिन वहां दोबारा कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके अलावा सेना को भी सड़कों पर उतरना पड़ा है।
श्रीलंका में मचे इस घमासान के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संघर्ष के मूल कारणों और प्रदर्शनकारियों की शिकायतों के समाधान को महत्वपूर्ण करार दिया है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए समझौते की भावना को अपनाने का आग्रह किया है। इस बीच श्रीलंका से भाग चुके राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अब मालदीव से सिंगापुर जाने की तैयारी में बताए जा रहे हैं। उनके सऊदी एयरलाइंस के विमान से सिंगापुर जाने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने अपनी घोषणा के अनुरूप अब तक त्यागपत्र नहीं दिया है। माना जा रहा है कि वे अपने निर्वासन के लिए उपयुक्त देश पहुंच जाने के बाद इस्तीफा देंगे, ताकि वे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अपने निर्वासन की प्रक्रिया को आसान कर सकें।