गुवाहाटी, 13 जुलाई (हि.स.)। गुवाहाटी खेत्री पुलिस थाना क्षेत्र के तेघेरिया गांव की इलिना रंगहांग एक समय आत्महत्या करने की कोशिश की थी। लेकिन आज पति से अलग होकर अपने बूते स्वावलंबी बनकर अपनी दो बेटियों के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही हैं।
ईलिना रंगहांग ने अपनी संघर्षमय जीवन की कहानी को साझा करते ही फूट-फूटकर रो पड़ी। उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी भूल थी कि मैंने कम उम्र में शादी कर ली थी। 2006 में मेरी शादी हुई और शादी के बाद मेरी दो बेटियों ने जन्म लिया। बेटी के जन्म देने के बाद से ही पति मुझ पर काफी अत्याचार किया करते थे। मुझ पर बेटा के लिए बार-बार दबाव बनाया जाता था। लेकिन मैं क्या करती भगवान ने मुझे दो बेटी ही दिया था।
ईलिना ने कहा कि मैं अपने पति के अत्याचारों को सहती रही यह सोच कर कि मैं अपनी दोनों बेटियों को पढ़ा-लिखाकर अच्छा इंसान बनाउंगी। जबकि, पति न तो मेरा और न ही मेरे बच्चों का बच्चों ख्याल रखते थे। जिसकी वजह से मैं काफी साल गुवाहाटी के गणेशगुरी और छहमाइल में साग सब्जी बेचने के लिए घर से आया-जाया करती थी। बाजार से लौटने में अक्सर देर हो जाती थी। जिसकी वजह से मुझे काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था।
उन्होंने बताया कि मेरी सोच में सिर्फ यही बात रहती थी कि मैं अपना जीवन जिस तरह कष्ट में व्यतीत कर रही हूं, ऐसा समय मेरी बेटियों के जीवन में कभी न आए।
ईलिना ने 2001 में हैंडलूम का काम शुरू किया। वर्तमान में उसके पास पांच तात और एक फूल बनाने वाली मशीन है। उन्होंने कहा कि मेरी बड़ी लड़की कक्षा 10 में पढ़ती है उसकी उम्र 14 साल और मेरी छोटी बच्ची कक्षा चार में पढ़ती है उसकी उम्र 10 साल है। फिलहाल मैं अपने पति से अलग हूं। मेरा विवाह विच्छेद हो चुका है। अब मैं काफी खुश हूं।
उन्होंने बताया कि मेरे घर के आसपास के साथ ही पड़ोसी राज्य मेघालय की बेरोजगार महिला-युवती मेरे पास आकर बुनाई का काम सीख कर मेरी तरह स्वावलंबी बन रही हैं। उन्होंने बताया कि एक समय मैंने अपने जीवन से तंग आकर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन मैं अपनी दोनों बेटियों का मुंह देख कर आत्महत्या नहीं किया।
उन्होंने बताया कि मैं अपनी दोनों बेटियों के साथ आज काफी खुश हूं। इंसान को अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। मेहनत का फल मीठा होता है। ईलिना की बड़ी बेटी नीतूमोनी तेरन ने कहा कि मेरी मां हम दोनों बहनों के लिए काफी कष्ट करती हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। मैं राज्य सरकार से अनुरोध करती हूं कि मेरी मां को बुनाई के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराया जाए।