नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को उन पर लगाए जा रहे आरोपों का खंडन किया है। अंसारी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को कभी आमंत्रित नहीं किया और न ही उनसे मुलाकात की।
उल्लेखनीय है कि एक पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने आरोप लगाया है कि उपराष्ट्रपति के रूप में हामिद अंसारी ने उन्हें आमंत्रित किया था। वह उनसे आतंकवाद पर नई दिल्ली में एक सम्मेलन में मिले थे। नुसरत ने कई गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से साझा की थी। वहीं भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया है कि रॉ के अधिकारी ने कहा है कि ईरान में राजदूत के रूप में एक मामले में अंसारी ने राष्ट्रीय हित के साथ विश्वासघात किया था ।
हामिद अंसारी ने कहा कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि उपराष्ट्रपति आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण देते हैं। उन्होंने 11 दिसंबर, 2010 को आतंकवाद पर सम्मेलन, ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन किया था। जैसा कि सामान्य प्रथा है, आयोजकों द्वारा ही आमंत्रितों की सूची तैयार की गई होगी। उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार को कभी आमंत्रित नहीं किया और न ही उससे मुलाकात की।
इसके अलावा अंसारी ने कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में उनका काम हमेशा तत्कालीन सरकार के संज्ञान में रहा है। वे राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उन पर टिप्पणी करने से बचते हैं। भारत सरकार के पास सारी जानकारी मौजूद है और उसे ही इस पर बोलने का एकमात्र अधिकार है। यह रिकॉर्ड की बात है कि तेहरान में उनके कार्यकाल के बाद ही उन्हें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। वहां उनके काम को देश-विदेश में सराहा गया है।