Rupee Hits New Record:रुपये ने फिर बनाया ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड

– 82.50 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकती है भारतीय मुद्रा की कीमत

नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये की कीमत में गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज भारतीय मुद्रा ने एक बार फिर डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड बना लिया। पिछले सप्ताह ही रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर 79.375 के स्तर पर चला गया था। आज रुपये की कीमत में 0.005 रुपये की और गिरावट आई, जिसके कारण भारतीय मुद्रा की कीमत लुढ़क कर डॉलर के मुकाबले 79.38 रुपये के स्तर तक पहुंच गई।

इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय मुद्रा ने आज 2 पैसे की कमजोरी के साथ 79.27 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। बाजार खुलने के तुरंत बाद ही डॉलर की मांग में तेजी आने के कारण रुपये की कीमत में कमजोरी का रुख बन गया। इस कमजोरी की वजह से थोड़ी ही देर में भारतीय मुद्रा लुढ़ककर 79.38 के नए ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गई। हालांकि इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण रुपये की स्थिति में कुछ सुधार हुआ और रुपया 3 पैसे की रिकवरी करके प्रति डॉलर 79.35 के स्तर पर पहुंच कर ट्रेड करने लगा।

मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार में लगातार अनिश्चितता और कमजोर रुख बना हुआ है। जिसकी वजह से भारतीय बाजार में नया विदेशी निवेश काफी कम हो गया है। दूसरी ओर पहले से ही घरेलू बाजार में काम कर रहे विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली की जा रही है, जिसकी वजह से भारतीय बाजार से डॉलर की रिवर्स सप्लाई शुरू हो गई है। इसके साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे नकारात्मक दबाव की वजह से भी रुपया समेत दुनिया भर की ज्यादातर मुद्राएं डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं। खासकर विदेशी निवेशकों द्वारा अपना पैसा निकालने की कोशिश में की जा रही बिकवाली से भारतीय मुद्रा बाजार में रुपये की कीमत पर काफी दबाव बन गया है।

पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 109 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष बिकवाली की थी। इसके अलावा इंडेक्स फ्यूचर्स में इन निवेशकों ने पहले 743 करोड़ रुपये की खरीदारी की, फिर बाजार बंद होने के पहले 1039 करोड़ रुपये की बिकवाली कर दी। इस तरह इंडेक्स फ्यूचर में ही विदेशी निवेशकों ने सिर्फ शुक्रवार को ही 296 करोड़ रुपये की नेट सेलिंग (शुद्ध बिकवाली) कर दी। इस तरह पूरे दिन के कारोबार में विदेशी निवेशकों ने कुल 405 करोड़ रुपये कि बिकवाली की। ये पैसा पूरी कनवर्ट होकर डॉलर के रूप में विदेशी निवेशकों के खाते में पहुंच गया।

मयंक मोहन के मुताबिक विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में डॉलर को रुपये में परिवर्तित करके कारोबार करते हैं। इसलिए जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में लिवाली करते हैं, तो ऐसा करके वे मुद्रा बाजार में डॉलर की सप्लाई करते हैं। वही भारतीय बाजार में बिकवाली करने पर विदेशी निवेशक भारतीय मुद्रा बाजार से डॉलर के रूप में अपने पैसे की निकासी कर लेते हैं। ऐसा होने पर मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग तेज हो जाती है, जिसका असर रुपये की गिरावट के रूप में साफ तौर पर नजर आता है।

मार्केट एक्सपर्ट्स नवीन एस पसरीचा का मानना है कि मौजूदा वैश्विक हालात में जिस तरह से दुनिया भर के ज्यादातर देशों में मंदी की आशंका जताई जा रही है, उसकी वजह से भारतीय मुद्रा के साथ ही ज्यादातर देशों की मुद्रा पर दबाव की स्थिति बन गई है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर बढ़ी महंगाई ने भी दुनिया भर के ज्यादातर देशों की मुद्रा पर दबाव बना दिया है। माना जा रहा है कि अगर वैश्विक हालात में जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 82.50 के स्तर तक भी गिर सकती है।

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