अगरतला, 9 जुलाई : केंद्र सरकार ने पूरे भारत में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन राज्य में एक-दो वर्कशॉप को छोड़कर अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है। राज्य के बिभिन्न बाजारों में प्लास्टिक का प्रयोग सामान्य रूप से चल रहा है। खरीदार से लेकर विक्रेता तक हर कोई अपनी सामान्य लय में प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है। प्लास्टिक का इस्तेमाल केंद्र सरकार के निर्देश के खिलाफ एक तरह का अंगूठा दिखा रहा है। दरहसल प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए प्रशासनिक क्षेत्र में बहुत अधिक गतिविधि नहीं है।
इस बीच राजधानी के अलग-अलग बाजारों के व्यापारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए तो यह उनके फायदे का ही होगा। उन्हें 200 रुपये प्रति किलो की औसत कीमत पर प्लास्टिक खरीदना पड़ता है और उसे बेचना पड़ता है। इसमे उनका नुकसान है। इसलिए कुछ व्यापारियों का दावा है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए प्लास्टिक का उत्पादन बंद करना जरूरी है। हालांकि प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार के सख्त रवैये के मामले में राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने कहीं भी ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सवाल यह है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध राज्य में कितना कारगर होगा। या फिर प्रशासनिक प्रतिबंध को नजर अंदाज करते हुए प्लास्टिक का इस्तेमाल और पर्यावरण प्रदूषण जारी रहेगा। प्लास्टिक पर प्रतिबंद को लेकर प्रशासन किस तरह से सख्त रवैया दिखाता है, यह देख कर अंदाजा होता है।