नई दिल्ली, 08 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को लोगों से पर्यावरण को संरक्षित कर उसे हरा-भरा बनाने का आह्वान किया। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत की आबादी दुनिया की 17 प्रतिशत है, फिर भी यह कार्बन उत्सर्जन का केवल 4 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि अन्य विकसित देशों में समान प्रतिशत जनसंख्या कार्बन उत्सर्जन का लगभग 60 प्रतिशत है। इस दिशा में भारत ने दुनिया को संसाधनों के सावधानीपूर्वक प्रयोग करने के उपाय सुझाये हैं। वे केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित “हरियाली महोत्सव” – ट्री फेस्टिवल को संबोधित कर रहे थे।
भूपेन्द्र यादव ने एक जुलाई से प्लास्टिक के एकल उपयोग पर प्रतिबंध के महत्व को बताते हुए कहा कि इसके पूर्ण कार्यान्वयन में देश के नागरिकों से साझा प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। चुनौतियों के बावजूद, देश में 52 टाइगर रिजर्व और 31 हाथी रिजर्व और कई अन्य वन्यजीव वन है। इस मौके पर प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की उपलब्धियों और लाभ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में अब तक लगभग 23 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं जो मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भूपेंद्र यादव ने विद्यार्थियों और युवाओं से वृक्षारोपण, स्वच्छता, नई ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करके, पृथ्वी को हरा-भरा रखने और कार्य करने के साथ-साथ दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित कर प्रधानमंत्री के संकल्प की दिशा में काम करने की अपील की।
इस अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य सरकारों, दिल्ली एनसीआर पुलिस संस्थानों और दिल्ली के स्कूलों के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में एएसएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने नुक्कड़ नाटक पेश किया। इसके साथ ग्रैमी पुरस्कार विजेता, भारतीय संगीत संगीतकार रिकी केज ने अपने गीतों के जरिए पेड़ों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक किया।