– शेख मोहम्मद बिन अब्दुल करीम ने दी घृणा का कारण बनने वाली चीजों से दूर होने की सलाह
नई दिल्ली/मक्का, 08 जुलाई (हि.स.)। इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माने जाने वाले हज की अदायगी के लिए दुनियाभर के लाखों मुसलमान शुक्रवार को पवित्र शहर मक्का से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित अराफात की पहाड़ी पर एकत्र हुए। इस मौके पर सभी ने दुआ के लिए अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाया और गिड़गिड़ा कर अपने गुनाहों की माफी मांगी।
अराफात की पहाड़ी पर एकत्र होकर की जाने वाली इबादत को वार्षिक हज का चरमोत्कर्ष माना जाता है। इस दिन रेगिस्तानी घाटी में प्रार्थना के भावनात्मक दिन के लिए कई लोग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए। मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मोहम्मद ने मुसलमानों के बीच समानता और एकता का आह्वान करते हुए अपना अंतिम उपदेश दिया था।
मैदान-ए-अराफात स्थित मस्जिद नमरह में मशहूर इस्लामी स्कॉलर शेख मोहम्मद बिन अब्दुल करीम ने हज खुत्बा (संबोधन) दिया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि अल्लाह से डरने में ही सफलता है। जो चीज घृणा का कारण बने, उससे दूर हो जाएं। आपकी मुसीबत अल्लाह के सिवा कोई और दूर नहीं कर सकता। इस्लामी मूल्यों का तकाजा है कि जो चीज नफरत का कारण बने, उससे दूर हो जाएं। नेकी करने में हमेशा जल्दी करो। मस्जिद-ए-नमरह में अपने हज संबोधन में शेख मोहम्मद बिन अब्दुल करीम ने आगे कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने फरमाया कि कयामत के दिन मेरे साथ वह होगा, जिसका व्यवहार अच्छा है। सभी इंसान आदम की औलाद हैं और आदम मिट्टी से बने हैं।
दुनियाभर से हज के लिए सऊदी अरब पहुंचने वाले हज यात्री फजिर की नमाज के बाद मिना से मैदान-ए-अराफात पहुंचे थे। इससे पूर्व उन्होंने गत रात मिना में दुनिया की सबसे बड़ी खेमा बस्ती (टेंट आबादी) में गुजारी। इस बार दुनियाभर से लगभग 10 लाख मुसलमान अल्लाह के घर पवित्र काबा शरीफ का हज करने के लिए गए हैं। इसमें भारत से लगभग 79 हजार और राजधानी दिल्ली से एक हजार के क़रीब हज यात्री सऊदी अरब हज करने के लिए पहुंचे हैं।
दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी के फैलने के बाद दो साल तक विदेशी हज यात्रियों पर सऊदी अरब सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगाया गया था। सऊदी अरब में रहने वाले स्थानीय लोगों के जरिए ही दो साल तक हज के अरकान अदा किए गए थे लेकिन इस बार दुनियाभर से हज यात्रियों को हज के लिए बुलाया गया है। हालांकि इस बार भी महज 10 लाख यात्रियों को ही हज की इजाजत दी गई है। कोरोना महामारी से पहले से 25 लाख से अधिक हज यात्री दुनिया भर से हज यात्रा करने के लिए सऊदी अरब जाते थे।
सऊदी अरब प्रशासन की तरफ से हज यात्रा को लेकर बहुत ही चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कोरोना महामारी की वजह से प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। पवित्र स्थानों की साफ-सफाई की भी उचित व्यवस्था की गई है। सऊदी अरब प्रशासन ने 300 ऐसे यात्रियों को भी पकड़ा है जो बिना परमिट के हज करने के लिए पवित्र स्थान की सीमा में घुस आए थे। उनके ऊपर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
कल मुसलमानों की तरफ से अल्लाह के समक्ष जानवरों की कुर्बानी पेश की जाएगी और शैतान को कंकड़ मारा जाएगा। इसके साथ ही सफा-मरवा पहाड़ की सई की जाएगी। हज के तमाम अरकान पूरे हो जाने के बाद जो मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की कब्र की जियारत और मस्जिद नबवी में निश्चित इबादत करके आए हैं, वह जद्दा से ही वापस अपने देश को लौट जाएंगे। बाकी वह यात्री जो सीधे मक्का शरीफ आए हैं, वह मदीना मुनव्वरा के लिए अपना सफर शुरू करेंगे।