वायु सेना ने 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली बनाई थी अपग्रेड योजना
– इंजन अपग्रेड होने से टैंकर विमानों का जीवन 15 साल और बढ़ जायेगा
नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारतीय वायु सेना ने अपने रूसी टैंकर विमान बेड़े को अपग्रेड करने की योजना फिलहाल टाल दी है। वायु सेना ने 4,000 करोड़ रुपये की लागत से अपने टैंकर विमान बेड़े को नए संचार और नेविगेशन सूट, एवियोनिक्स और इंजन के साथ अपग्रेड करने की योजना बनाई थी। मौजूदा समय में वायु सेना हवाई ईंधन भरने (टैंकर) की भूमिका में छह विमानों का संचालन करती है।
भारतीय वायु सेना ने अपने रूसी परिवहन बेड़े आईएल 76/78 को नया जीवन देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सरकार के सामने पेश किया था। इस महीने की शुरुआत में लाए गए एक नए प्रस्ताव में वायु सेना ने अपने 17 आईएल-76 परिवहन विमानों के साथ-साथ हवाई ईंधन भरने वाले सात आईएल 78 विमानों के अपने बेड़े के व्यापक उन्नयन के लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मांगी। संचार और नेविगेशन सूट, एवियोनिक्स और इंजन अपग्रेड होने से इन विमानों का जीवन 15 साल और बढ़ जायेगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि अपग्रेड अनुबंध में 1,200 करोड़ रुपये का ऑफसेट मूल्य होगा, जिसका एक बड़ा हिस्सा निजी विनिर्माण क्षेत्र में लगाया जायेगा।
सामरिक एयरलिफ्ट संचालन के लिए वायु सेना आई-76 का उपयोग करती है, जिसे ‘गजराज’ के रूप में जाना जाता है। आईएल-76 के लिए पहली बार 1983 में ऑर्डर किया गया था लेकिन वायु सेना ने 2010 में 17 आईएल 76 संचालित किए। इसके बाद 2013 में बोइंग कंपनी के सी-17 विमान के आने से भारत का परिवहन बेड़ा और मजबूत हो गया। साथ ही हवा में ईंधन भरने वाले सात आईएल-78 टैंकर विमानों के होने से भारत का मिड एयर फ्यूल सिस्टम मजबूत है। टैंकर बेड़ा अपग्रेड होने से भारत की हवा में ईंधन भरने की क्षमता और मजबूत होगी।
रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारतीय वायु सेना ने अपने विमान टैंकर बेड़े को अपग्रेड करने की योजना फिलहाल टाल दी है क्योंकि रूस के सहयोग से यह अपग्रेडशन योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। साथ ही हथियारों की आपूर्ति में अनिश्चितता के बाद भारत ने रूस के साथ 520 मिलियन डॉलर में 10 कामोव-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर का सौदा करने के लिए बातचीत रोक दी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह सौदा भुगतान हस्तांतरण से संबंधित मुद्दों की वजह से रोका गया है। युद्ध के बीच रूस ने भारत को अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम की तीन खेप सौंपी हैं।
रूस से संघर्ष छिड़ने के बाद वायु सेना सी-17 और आईएल-76 परिवहन विमानों के बेड़े ने ही यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीय नागरिकों को निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। सी-17 परिवहन विमान काबुल से नागरिकों और अधिकारियों को निकालने के लिए महत्वपूर्ण थे जब तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। भारतीय वायु सेना ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने सी-17 और आईएल-76 परिवहन विमानों के बेड़े को स्टैंडबाय पर रखा था। अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर्स और आईएल-76 परिवहन विमान लगभग 400 यात्रियों के साथ लंबी दूरी की उड़ान भरने में सबसे अधिक सक्षम हैं।