हरिद्वार, 06 जुलाई (हि.स.)। कांवड़ यात्रा शुरू होने में अब एक सप्ताह रह गया है, ऐसे में शासन प्रशासन कांवड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुट गया है। आज कांवड़ मेले को लेकर डाम कोठी में कमिश्नर गढ़वाल ने सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर अन्य जिलों के जिलाधिकारी और एसएसपी भी शामिल रहे।
चार धाम यात्रा की तरह कांवड़ यात्रा भी 2 साल बाद हो रही है। इस बार कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शिव भक्त गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार आएंगे। इससे पूर्व 2019 की कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों की संख्या साढ़े 3 करोड़ के लगभग रही थी। यह इस बार 4 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। ऐसे में कांवड़ मेले को को लेकर आज डाम कोठी में सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार ने सीमावर्ती जिलों से आए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि कांवड़ मेले को सकुशल कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमने चार धाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाया है,उसी तरह हमारा प्रयास है कि कांवड़ मेला भी सकुशल संपन्न हो।
उन्होंने कहा बैठक में यह सुझाव रखा गया कि जिस तरह से चार धाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। उसी से मिलती-जुलती कोई व्यवस्था कांवड़ मेले के दौरान भी की जाए। कांवड़ मेले में आने वाले शिव भक्त एक लिस्ट बनाकर, जहां से आ रहे हैं, वहां के थानों में देकर आए। साथ ही उत्तराखंड बॉर्डर पर भी उस लिस्ट को उपलब्ध करा दें तो, मेला कराने में आसानी होगी। उन्होंने कहा सभी यात्रियों को अपने साथ परिचय पत्र जरूर लेकर चलने पर भी सहमति बनी है।
बैठक में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर और हरियाणा के यमुनानगर के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के दौरान हरिद्वार के सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे।