नई दिल्ली, 04 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि देश में नारी सशक्तिकरण के मंत्र के साथ महिला नेतृत्व के विकास को भी जोड़ा जाना चाहिए। महिलाओं की चुनौतियों को कम करने में सरकारी नीतियां उपयोगी साबित हो सकती है। केंद्र और राज्य के सहयोग से लागू की गई नीतियां महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। स्मृति इरानी मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों पर तेलंगाना में आयोजित क्षेत्रीय बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी मौजूद रहे।
इस मौके पर स्मृति ईरानी ने कहा कि तेलंगाना के लिए लगभग 36 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 33 पहले से ही चालू हैं। आवश्यकता पड़ने पर ओएससी की संख्या को बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार की बाल कल्याण समितियों द्वारा कोरोना महामारी से अनाथ बच्चों की पहचान करने का गहन प्रयास किया गया। परिणामस्वरूप लगभग 4000 बच्चों को ‘पीएम केयर्स’ के तहत वित्तीय सहायता दी गई।
स्मृति ईरानी ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के तहत अब तक 2.7 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं और अब तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एसएसए के तहत 19000 से अधिक गांवों को पूरी तरह से संतृप्त कर दिया गया है जो महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस मौके पर तेलंगाना की आदिवासी कल्याण, महिला और बाल कल्याण मंत्री, सत्यवती राठौड़ ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से राज्य में महिला सशक्तिकरण और बाल स्वास्थ्य के सूचकांक में सुधार के मामले में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। बैठक में आंगनबाडी केंद्रों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’, ‘पीएम केयर्स’, ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’, ‘पीएम मातृ वंदना योजना’ और ‘पोषण अभियान’ जैसी योजनाओं के लाभार्थियों ने भी भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
उल्लेखनीय है कि साल 2015 में शुरू की गई, वन स्टॉप सेंटर योजना चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श और अस्थायी आश्रय के मामले में लिंग आधारित हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं को सहायता प्रदान करती है।