हांगकांग/ताइपे, 01 जुलाई (हि. स.)। हांगकांग में शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में शहर के नए नेता जॉन ली ने कहा कि कानून का शासन वैश्विक वित्तीय केंद्र के लिए मौलिक मूल्य है। उन्होंने कहा कि 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद वर्ष 2020 में शहर में लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से यहां स्थिरता आई है। वहीं ताइवान ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि हांगकांग में स्वतंत्रता जैसा कुछ भी नहीं है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में जॉन ली ने शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश की चीन में वापसी की 25 वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग यहां पहुंचे हैं। 2019 में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के बाद बीजिंग द्वारा व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के साथ हांगकांग पर अपना नियंत्रण कड़ा करने के बाद कुछ विश्लेषक शी की यात्रा को जीत के दौरे के रूप में देख रहे है। गुरुवार को हांगकांग पहुंचने के बाद शी जिनपिंग ने कहा कि शहर ने अपनी चुनौतियों से पार पा लिया है। जॉन ली हांगकांग के पूर्व सुरक्षा प्रमुख हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने में उनकी भूमिका को सराहा है।
शी की हांगकांग की यात्रा 2017 के बाद हो रही है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पहुंचने और जॉन ली के शपथ ग्रहण से पहले हांगकांग में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई। इस समारोह में कन्वेंशन सेंटर के करीब मुख्य सड़कों और पैदल मार्गों को लाल लालटेन और पोस्टर से स्थिरता के “नए युग” की घोषणा करते हुए सजाया गया है।
इस बीच ताइवान के प्रमुख सु त्सेंग-चांग ने शुक्रवार को चीन को हांगकांग मिलने के 25 वर्ष पूरे होने पर कहा कि वहां स्वतंत्रता गायब हो गई है। वहां स्वतंत्रता जैसा कुछ भी नहीं बचा है। चीन बिना बदलाव के 50 साल के अपने वादों को पूरा करने में पूरी विफल रहा है। ताइपे में पत्रकारों से सु ने कहा कि चीन ने अगले 50 साल तक बिना किसी बदलाव के सामान्य रूप से चलने का वादा किया था लेकिन अभी तो 25 साल हुए हैं और यहां सबकुछ तेजी से बदल रहा है, यहां तक कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र भी गायब हो गया है।