– सेंट्रल एयर कमांड युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके बहादुर वायु योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी
नई दिल्ली, 01 जुलाई (हि.स.)। वायु सेना के एयर मार्शल एपी सिंह को सेंट्रल एयर कमांड का एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल एयर कमांड युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके बहादुर वायु योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।
एयर मार्शल को 21 दिसंबर, 1984 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू विंग में शामिल किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। वह योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं और उनके पास 4900 घंटे से अधिक विमान उड़ाने का अनुभव है। वह मिग-27 स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर, कमांडिंग ऑफिसर और एयर बेस के एयर ऑफिसर कमांडिंग रहे हैं।
परीक्षण पायलट के रूप में उन्होंने विभिन्न रैंकों और क्षमताओं में ‘विमान और प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान’ में काम किया है। उन्होंने मास्को, रूस में मिग-29 अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व किया। वह ‘राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र’ में एलसीए परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर थे। वर्तमान नियुक्ति संभालने से पहले वह पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी थे।
विशिष्ट सेवा के लिए एयर मार्शल को 26 जनवरी, 2019 को भारत के राष्ट्रपति ने अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया था। आज कार्यभार संभालने के बाद उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल एयर कमांड युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर वायु योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।
मध्य वायु कमान की उपलब्धियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है और पिछले कुछ वर्षों में इसने देश के आसमान की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कमान मुख्यालय सभी परिचालन गतिविधियों का केंद्र है और इस कमान के तहत स्क्वाड्रनों ने स्वतंत्रता के बाद से सभी प्रमुख अभियानों में भाग लिया है। मध्य वायु कमान ने सभी चुनौतियों का सामना किया है और युद्ध के साथ-साथ शांति में भी गौरव बढ़ाया है।