नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। दिल्ली की जनता को सार्वजनिक परिवहन में और अधिक सहूलियत देने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार 1950 नई बसें खरीदने जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। यह बसें अगस्त-सितंबर से आनी शुरू हो जाएंगी और अगले साल सितंबर तक सभी बसें आ जाएंगी। इसमें 1500 इलेक्ट्रिक और 450 सीएनजी एसी बसें शामिल होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दिल्ली में सबसे बड़ी दिक्कत बसों की होती थी।
कई सालों तक बसों की खरीद नहीं की गई थी। लेकिन वर्तमान में दिल्ली के परिवहन बेड़े में 7200 से अधिक बसें हैं। दिल्ली के इतिहास में 7200 बसें भी आज तक कभी नहीं रही थीं। दिल्ली को करीब 11 से 12 हजार बसों की जरूरत है।
हम दिसंबर 2024 तक यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे। इसके लिए जल्द ही 4880 बसें और खरीदने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके तहत सभी ट्रांसपोर्ट के साधनों को इंटीग्रेट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट को लेकर लिए गए निर्णय के बारे जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट की बैठक में 1950 बसों को खरीदने की मंजूरी दी गई है। यह 1950 बसें अगस्त-सितंबर महीने से आनी चालू हो जाएंगी और अगले साल सितंबर के महीने तक सारी बसें आ जाएंगी। इसके अलावा, अभी फिलहाल दिल्ली सरकार के पास 7200 से अधिक बसें हैं। दिल्ली के इतिहास में 7200 बसें भी आज तक कभी नहीं रही थीं। आने वाले समय में 1950 से और आ जाएंगी।
सभी ट्रांसपोर्ट सेक्टर को आधुनिक करने पर ध्यान दिया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 4880 बसों के अलग से टेंडर दिए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ अगले दो-तीन साल के अंदर कई बसें पुरानी हो जाएंगी और उनकी लाइफ खत्म हो जाएगी। इसलिए उन बसों को हटाना पड़ेगा। इन सबको जोड़ घटाकर दिसंबर 2024 तक हमारे पास दिल्ली की सड़कों पर 11,910 बसें होंगी। यह 11,910 बसों की संख्या दिल्ली की आवश्यकता के अनुरूप है।
दिल्ली को करीब 11 से 12 हजार बसों की जरूरत है। दिसंबर 2024 तक हम अपना लक्ष्य पूरा कर लेंगे कि हमारे पास करीब 11910 बसें होंगी। इस तरह 2024 तक दिल्ली की सड़कों पर पर्याप्त बसें होंगी। अब हमारा मकसद है कि पूरे ट्रांसपोर्ट सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाए। जितने भी अलग ट्रांसपोर्ट के साधन हैं। जैसे, टैक्सी है, ऑटो है, मेट्रो है, बसें हैं, इन सबको इंटीग्रेट किया जाए। इन सारे सेक्टर को आधुनिक किया जाए, उसके उपर अब हम ध्यान देंगे, ताकि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में मूलचूल और अच्छा परिवर्तन किया जा सके।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली को बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली कैबिनेट में माननीय सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने आज 1950 लो फ्लोर एसी अत्याधुनिक बसों (1500 इलेक्ट्रिक और 450 सीएनजी बसों) को खरीदने की मंजूरी दी है। दिल्ली का बस बेड़ा पहले से कहीं अधिक बढ़ रहा है और 2 साल से भी कम समय में हमारे पास अब तक का सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बस बेड़ा होगा।’’
इलेक्ट्रिक बसों के लिए तैयार किए जाएंगे 28 डिपो
दिल्ली के परिवहन बेड़े में आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा। इन बसों के अनुकूल डिपो बनाया जाएगा। पहले चरण में 28 डिपो का चयन किया गया है। इनमें से 3 डिपो मुंडेला कलां, रोहिणी सेक्टर-37 और राजघाट-2 को पहले ही पूरी तरह से तैयार कर दिया गया है। यहां से 300 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित किया जाएगा।
इसके साथ, राजघाट डिपो को भी कुछ ही सप्ताह में इलेक्ट्रिक बसों के लिए तैयार कर लिया जाएगा। वहीं, परिवहन विभाग एक मल्टी लेवल पार्किंग भी बना रही है, जिसमें 300 से 400 बसें खड़ी हो सकती हैं। इसमें इलेक्ट्रिक बसें भी होंगी।
दिसंबर 2024 तक सर्वाजनिक परिवहन बेड़े में बसों की संख्या 11,910 होगी
दिल्ली परिवहन बेड़े में फ्लीट बसों की संख्या 7200 से अधिक है। जिसमें डीटीसी के 3900 बसें और क्लस्टर 3300 बसें है। इसमें डीटीसी की 150 इलेक्ट्रिक बसें अगले महीने तक जुड़ जाएंगे। इसके साथ, कैबिनेट मीटिंग में आज 1500 इलेक्ट्रिक बसों और 450 सीएनजी बसों को खरीदने की मंजूरी मिली है। जबकि 330 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी मिलनी है। इसके साथ ही क्लस्टर में 4880 बसों का टेंडर जारी होना है। वहीं 2600 बसों का अगले दो साल में समय सीमा खत्म हो रहा है। जिसको घटाने के बाद दिल्ली के परिवहन बेड़े में दिसंबर 2024 तक 11,910 बसों का आंकड़ा पहुंच जाएगा।
1500 इलेक्ट्रिक बसों और 450 सीएनजी एसी बसों को इन डिपो से किया गया संचालित
कैबिनेट मीटिंग में 1500 इलेक्ट्रिक बसें और 450 सीएनजी एसी बसों के खरीदने की मंजूरी दी गई है। 1500 इलेक्ट्रिक बसों में से 100 बसों को रोहिणी डिपो-1 से, 100 बसों को रोहिणी डिपो-2 से, 100 बसें मायापुरी डिपो से, 160 बसें हसनपुर डिपो से, 175 बसें सुभाष प्लेस डिपो से, 125 बसें सुखदेव विहार डिपो से, 130 बसें वजीरपुर डिपो से, 70 बसें बंदा बहादुर मार्ग डिपो से, 70 बसें नेहरू प्लेस डिपो से, 150 बसें कालकाजी डिपो से, 120 बसें नरायणा डिपो से और 200 बसें सावड़ा घेवरा डिपो से संचालित होंगी।
इसके अलावा, 450 क्लस्टर बसें जो 10 अक्टूबर तक हटा दी जाएगी। इसके बदले आने वाली 450 सीएनसी एसी बसों को खंजावाल डिपो, सुनहरीपुल्ला डिपो और बंदा बहादुर मार्ग डिपो से संचालित किया जाएगा।
बसों की प्रमुख विशेषताएं-
– सुलभ- पूरी तरह से विकलांग- एसी लो फ्लोर बसें होंगी
– महिलाओं के लिए मुफ्त टिकट व पास
– सस्टेनेबल- सीएनजी / इलेक्ट्रिक- जीरो स्मोक, जीरो नॉइज़- पूरी तरह से बीएस VI कंप्लेंट
– स्मार्ट- सभी बसें जीपीएस सक्षम- डिजिटल टिकटिंग, संपर्क रहित टिकटिंग
– सुरक्षित, सीसीटीवी, पैनिक बटन, हूटर सभी टू-वे सेंट्रलाइज्ड कमांड और कंट्रोल सेंटर से जुड़े हुए हैं।
इसके अलावा, सभी आगामी डिपो पूरी तरह से विद्युतीकृत होंगे। 2023 तक 300 से अधिक क्षमता वाले 2 मल्टी लेवल बस डिपो बनाए जाएंगे।