नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनका नाम पहले तय हुआ था और यह सरकार की गलती है कि सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए उसने सहमति बनाने का प्रयास नहीं किया। राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू से मुकाबला होने पर सिन्हा ने कहा कि यह पहचान की नहीं, विचारधाराओं की लड़ाई है। एक समुदाय से एक व्यक्ति ऊपर उठ जाए तो सारे समुदाय की प्रगति नहीं हो जाती।
यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में ऐसा ही व्यक्ति जाना चाहिए जो दायित्वों का निर्वहन कर सके। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा व्यक्ति जाता है जो सरकार के अधीन है तो उसकी हिम्मत ही नही होगी को वो सलाह भी दे। ऐसे में इस पद का कोई फायदा नहीं होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद की गरिमा कम हुई है। नए भवन का निर्माण संसद को जीवन नहीं देगा।
सिन्हा ने कहा कि वे आज संसद भवन नामांकन करने गए थे । यह पहले जितना सुव्यवस्थित था अब उतना नही हुआ है। सिन्हा ने उन सभी विपक्षी दलों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनको राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार चुना।