लखनऊ, 25 जून (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा-नीत राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का यह समर्थन एनडीए या भाजपा को नहीं बल्कि आदिवासी समाज की कर्मठ महिला के लिए है। साथ ही मायावती ने विपक्ष पर बसपा को अलग-थलग रखने का आरोप लगाया।
मायावती ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि बसपा किसी भी राजनीतिक दल की पिछलग्गू नहीं है। भाजपा विपक्षी दलों से सामंजस्य बनाकर प्रत्याशी उतारने का ढोंग कर रही है। वहीं विपक्षी दल बसपा को अलग-थलग रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी। इसमें चुनिंदा दलों को ही आमंत्रित किया गया। इसी प्रकार एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। उस बैठक से भी बसपा को दूर रखा गया। यह इनकी जातिवादी मानसिकता को स्पष्ट करती है। ऐसे में विपक्षी दलों की एकजुट होने की घोषणा महज दिखावा ही है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में इसी कड़ी में राष्ट्रपति चुनाव में अपना फैसला खुद लेने के लिए स्वतंत्र है। हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। यह फैसला हमने न तो भाजपा और एनडीए के पक्ष में और न ही यूपीए के विरोध में लिया है। अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखकर आदिवासी समाज की योग्य एवं कर्मठ महिला को देश का राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फैसला लिया है। बकौल मायावती, हालांकि वह कितना स्वतंत्र होकर कार्य कर पाएंगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।