Maharashtra :महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम: शिंदे गुट ने भरत गोगावले की पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में की नियुक्ति

-सुनील प्रभु के नाम से जारी आदेश अमान्य

-एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर दी जानकारी

गुवाहाटी, 22 जून (हि.स.)। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती दी है। शिंदे ने कहा है कि सुनील प्रभु को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति का आदेश अमान्य है। शिंदे ने यह भी घोषणा की कि वह विधायक भरत गोगावले को इस पद पर नियुक्त कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र की सियासत में राजनीतिक भूकंप लाने वाले शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले को गलत करार दिया है। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना की ओर से सुनील प्रभू को बतौर पार्टी का मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति की गई थी। जिसके बाद सुनील प्रभू ने एकनाथ शिंदे के साथ गए बागी विधायकों को पत्र प्रेषित कर बुधवार दोपहर तक मुंबई स्थित शिवसेना मुख्यालय पहुंचने के निर्देश दिए। साथ में यह भी चेताया कि, यदि बागी विधायक पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे तो उनके खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।

वहीं, गुजरात के सूरत से असम पहुंचे एकनाथ शिंदे मुंबई के घटनाक्रम पर नजरें गडाए बैठे हैं। सुनील प्रभू द्वारा जारी पत्र महाराष्ट्र के पाटन से शिवसेना विधायक शंभूराज देसाई को मिलते ही शिंदे हरकत में आ गए। उन्होंने तत्काल ट्वीट कर सुनील प्रभू की नियुक्ति को अवैध करार दिया। वहीं विधायक भरत गोगावले को पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति की घोषणा की। शिंदे ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सुनील प्रभू द्वारा जारी आदेश अवैध है।

शिवसेना से बगावत के बाद पहले गुजरात और वहां से असम पहुंचे एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की हर गतिविधि पर पैनी नजर हैं। वही शिंदे के संपर्क सूत्र इतने तगड़े हैं कि गुवाहाटी में बैठकर वह मुंबई की हर गतिविधि से अवगत हैं।

बुधवार दोपहर हुई महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक के वीडियो भी शिंदे के पास मौजूद होने का दावा किया जा रहा है। बहरहाल लगातार कोशिशों के बावजूद शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने बात करने से इनकार किया है। लेकिन, बीते ढाई वर्षों की भड़ास उनकी बातचीत और चेहरे पर साफ झलक रही है।

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