– एक हजार महिलाओं में ओवरऑल 10वीं रैंक लाकर शानन ढाका रहीं टॉपर
– अगले साल के पाठ्यक्रम के लिए 20 महिलाओं को शॉर्टलिस्ट किया गया
नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहली बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुईं महिलाओं के पहले बैच में रोहतक के सुंदाना गांव की रहने वाली 19 वर्षीय शानन ढाका ने टॉप किया है। परीक्षा में शामिल हुईं करीब आठ हजार महिलाओं में से 1,002 को कामयाबी मिली थी, जिसमें से 20 महिलाओं का चयन किया गया है। शानन ढाका की ओवरऑल रैंक 10वीं है और वह महिलाओं में टॉपर हैं।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त सेवा अकादमी है, जहां तीनों सेवाओं, थलसेना, नौसेना और वायु सेना के कैडेट्स को एक साथ प्रशिक्षित किया जाता है। अभी तक एनडीए और नेवल एकेडमी की प्रवेश परीक्षा में सिर्फ युवकों को ही दाखिला मिलता रहा है लेकिन 14 नवंबर, 2021 को हुई एनडीए की प्रवेश परीक्षा में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर महिला उम्मीदवारों को भी शामिल होने का मौका मिला। कुल 8,000 महिलाओं में से 1,002 उम्मीदवारों को कामयाबी मिली। इसके बाद चिकित्सा परीक्षणों और साक्षात्कार के बाद 20 महिलाओं को अगले साल के एनडीए पाठ्यक्रम के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पहले महिला बैच में रोहतक के सुंदाना गांव की रहने वाली शानन ढाका ने ओवरऑल 10वीं रैंक लाकर महिलाओं में टॉप किया है। एनडीए के पहली महिला बैच की एंट्रेंस टॉपर हरियाणा की 19 वर्षीय शानन ढाका कहती हैं कि सेना में काम करना नौकरी नहीं बल्कि देश की सेवा है। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन में कला (बीए) बीए में स्नातक की डिग्री हासिल करने के दौरान ढाका ने सिविल सेवा या रक्षा सेवाओं में शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब लड़कियों के लिए अनुमति नहीं थी।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर, 2021 को एनडीए की प्रवेश परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को भी बैठने की अनुमति दी। इस पर मैंने तुरंत इसके लिए आवेदन किया और 14 नवंबर, 2021 को हुई परीक्षा में शामिल हुई। उन्होंने बताया कि मैं पढ़ाई में मजबूत थी, इसलिए मुझे कड़ी तैयारी करने की जरूरत नहीं थी। प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद साक्षात्कार के लिए मुझे पता चला कि यह एक व्यक्तित्व आधारित परीक्षा होगी। आप वहां दिखावा नहीं कर सकते थे। इसके अलावा फिटनेस के लिए मैंने जॉगिंग और अन्य व्यायाम करना भी शुरू कर दिया।
शानन के पिता विजय कुमार ढाका ने बताया कि मैं भी सेना में मानद नायब सूबेदार था और मेरे पिता चंद्रभान ढाका सूबेदार थे। मेरी बेटी सेना के परिवेश में पली-बढ़ी और छावनी क्षेत्रों में रहती थी। मैं सेना में सेवा के दौरान रुड़की, दिल्ली, चंडीमंदिर और चंडीगढ़ में सैन्य छावनियों में रहा। इस दौरान उसने देखा कि लोग सेना के जवानों का सम्मान करते हैं और उन पर भरोसा करते हैं। सेना की सेवाएं आपके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास में मदद करती हैं। आप गर्व के साथ अपने देश की सेवा कर सकते हैं, इसीलिए उसने सेना में शामिल होने का फैसला किया। फिलहाल मेरा परिवार जीरकपुर में रहता है।
एनडीए की प्रवेश परीक्षा में टॉप करने से उत्साहित पिता विजय कुमार ढाका ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां पढ़ाई में अच्छी थीं और उन्होंने अपना कौशल दिखाया। कक्षा 12 के बाद सेवाओं में प्रवेश करने का अवसर मिला और शानन ने इसे हासिल किया। शानन की छोटी बहन कक्षा 5 में है, उसके बारे में पिता ने कहा कि वह अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र होगी। उस पर कोई दबाव नहीं होगा। उसकी बड़ी बहन भी मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में है।