सूरत (गुजरात), 21 जून (हि.स.)। महाराष्ट्र की राजनीति में ‘खजुराहोकांड’ का साया मंडरा रहा है। महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से असंतुष्ट शिवसेना के बड़े नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे सहित 19 से अधिक विधायक डुमस रोड स्थित ली मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं। होटल के बाहर पुलिस का कड़ा घेरा बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार शाम अपने सभी योग दिवस कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोपहर 12 बजे आपात बैठक बुलाई है। असंतुष्ट विधायकों के कारण शिवसेना संकट से घिर गई है।
यह विधायक हैं यहां
1. एकनाथ शिंदे -कौपरी, 2. अब्दुल सत्तार- सिल्लोड -औरंगाबाद, 3. शंभूराज देसाई – सतारा, 4. संदीपन भुमारे – पैठन-औरंगाबाद, 5. उदयसाह राजपूत – कन्नड़-औरंगाबाद, 6. भरत गोगावले – महाद – रायगढ़, 7. नितिन देशमुख- अकोला, 8. अनिल बाबर – खानापुर – अटपडी – सांगली, 9. विश्वनाथ भोइर – लियन वेस्ट, 10. संजय गायकवाड़ – बुलढाणा, 11. संजय रामुलकर – मेहकर, 12. महेश सिंधे – कोरेगांव – सतारा, 13. शाहजी पाटिल – संगोला – सोलापुर, 14. प्रकाश अबितकर – राधापुरी – कोल्हापुर, 15. संजय राठौड़ – डिग्रास – यवतमाल, 16. ज्ञानराज चौगुले – उमरगास – उस्मानाबाद, 17. तानाजी सावंत – परोदा – उस्मानाबाद, 18. संजय शिरसत – औरंगाबाद पश्चिम, 19. रमेश बोर्नेर।
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के बाद शिवसेना का बड़ा धड़ा उद्धव ठाकरे से नाराज है। गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से शिवसेना के असंतुष्ट विधायकों की बैठक होने के आसार हैं।वह मुंबई में शिवसेना के अन्य विधायकों के साथ भी संपर्क में हैं। देवेंद्र फडणवीस भी शिवसेना के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं।
शिवसेना में लगातार हो रही उपेक्षा से मंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं। उन्होंने कल शाम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन भी नहीं उठाया है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है।
2019 के चुनाव के नतीजे आने पर शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। वह बाल ठाकरे के समय से ही पार्टी से जुड़े हुए हैं। उन्हें हाल ही में महाराष्ट्र में राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में शिवसेना द्वारा दरकिनार कर दिया गया था। तब वे आहत हैं। महाराष्ट्र में अगर 13 विधायकों ने बगावत कर दी तो सरकार गिर जाएगी। उद्धव ठाकरे को अभी राज्य में 153 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत है, क्योंकि अभी एक सीट खाली है। अगर शिवसेना में फूट पड़ती है तो कांग्रेस के कुछ विधायक दलबदल कर सकते हैं।