बेंगलुरू/नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार बेंगलुरू को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिए रेल, सड़क, मेट्रो, अंडरपास, फ्लाईओवर जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव माध्यमों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बेंगलुरू के उपनगरीय इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों की बात पिछले चार दशकों से चल रही थी और अब ‘डबल इंजन’ सरकार के साथ लोगों ने इन परियोजनाओं को पूरा करने का मौका मौजूदा सरकार को दिया है। प्रधानमंत्री ने परियोजना को समय पर पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह अगले 40 महीनों में बेंगलुरु के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे जो पिछले 40 वर्षों से लंबित हैं।
कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में सोमवार को 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया और आईआईएससी बेंगलुरु में बागची पार्थसारथी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी। उन्होंने डॉ बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बेस) विश्वविद्यालय के एक नए परिसर का भी उद्घाटन किया और उनके परिसर में भारत रत्न डॉ बी आर अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी हब के रूप में 150 आईटीआई के उन्नयन को भी समर्पित किया। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी भी उपस्थित थे।
बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु के कोम्मघट्टा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और 7 रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है और कोंकण रेलवे के शत प्रतिशत विद्युतीकरण के महत्वपूर्ण पड़ाव के हम साक्षी बने हैं। इन सभी परियोजनाओं से कर्नाटक के युवाओं, मध्यम वर्ग, किसानों, श्रमिकों और उद्यमियों को नई सुविधाएं और नए अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरू देश के लाखों युवाओं के सपनों का शहर है। यह शहर एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब है। बेंगलुरू का विकास लाखों सपनों का पोषण कर रहा है। इसलिए पिछले 8 वर्षों से केंद्र सरकार बेंगलुरू की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि ‘डबल इंजन’ सरकार बेंगलुरू को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिए रेल, सड़क, मेट्रो, अंडरपास, फ्लाईओवर जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जैसे हर संभव माध्यमों पर काम कर रही है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बेंगलुरू के उपनगरीय इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों की बात पिछले चार दशकों से चल रही थी और अब ‘डबल इंजन’ सरकार के साथ लोगों ने इन परियोजनाओं को पूरा करने का मौका मौजूदा सरकार को दिया है। प्रधानमंत्री ने परियोजना को समय पर पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह अगले 40 महीनों में बेंगलुरु के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे जो पिछले 40 वर्षों से लंबित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरू उपनगरीय रेल परियोजना से कनेक्टिविटी बेंगलुरू शहर को उसके उपनगरों और उपग्रह टाउनशिप से जोड़ेगी और इसका कई गुना प्रभाव होगा। इसी तरह, बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना से शहर की भीड़भाड़ कम होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने रेल संपर्क के पूर्ण परिवर्तन पर काम किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल तेज, स्वच्छ, आधुनिक, सुरक्षित और नागरिकों के अनुकूल होती जा रही है। हम रेल को देश के उन हिस्सों में ले गए हैं जहां इसके बारे में सोचना भी मुश्किल था। भारतीय रेल अब वो सुविधाएं और माहौल देने की कोशिश कर रहा है जो कभी सिर्फ हवाई अड्डों और हवाई यात्रा में ही मिलता था। भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरैया के नाम पर बेंगलुरू का आधुनिक रेलवे स्टेशन भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने एकीकृत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान से नई गति मिल रही है। उन्होंने कहा कि आगामी मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हिस्सा इसी विजन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति की भावना से चलाई जा रही इस तरह की परियोजनाओं से युवाओं को रोजगार मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु की सफलता की कहानी 21वीं सदी के भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। बेंगलुरू ने दिखाया है कि यदि सरकार सुविधाएं प्रदान करती है और नागरिकों के जीवन में कम से कम हस्तक्षेप करती है तो भारतीय युवा क्या कर सकते हैं। बेंगलुरू देश के युवाओं के सपनों का शहर है और इसके पीछे उद्यमिता, नवाचार, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की उचित उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु उन लोगों के लिए एक सबक है जो अभी भी भारत के निजी उद्यम की भावना का अनादर करते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी का भारत, धन सृजित करने वालों, नौकरी देने वालों और नवप्रवर्तकों का है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र के रूप में यह भारत की संपत्ति और ताकत है।
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि एसएमई की परिभाषा में बदलाव के साथ, उनके विकास के नए रास्ते खुले हैं। आत्मनिर्भर भारत में विश्वास के प्रतीक के रूप में, भारत ने 200 करोड़ रुपये तक के अनुबंधों में विदेशी भागीदारी को समाप्त कर दिया है। केंद्र सरकार के विभागों को एमएसएमई से 25 प्रतिशत तक खरीदारी करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीईएम पोर्टल एमएसएमई खंड के लिए एक महान प्रवर्तक साबित हो रहा है।
स्टार्टअप क्षेत्र में भारी प्रगति का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई उंगलियों पर भरोसा कर सकता है कि पहले के दशकों में कितनी अरब डॉलर की कंपनियां बनाई गई थीं। लेकिन पिछले 8 वर्षों में, 100 अरब डॉलर से अधिक कंपनियां बनाई गई हैं और हर महीने नई कंपनियां जोड़ी जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद जहां पहले 10000 स्टार्टअप में 800 दिन लगते थे लेकिन अब इतने स्टार्टअप 200 दिनों से भी कम समय में जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले आठ साल में बनाए गए यूनिकॉर्न का मूल्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका स्पष्ट मानना है कि उपक्रम चाहे सरकारी हो या निजी, दोनों ही देश की संपत्ति हैं, इसलिए सभी को समान अवसर दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विश्व स्तरीय सुविधाओं पर अपने दृष्टिकोण और विचारों का परीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मेहनत करने वाले युवाओं को सरकार मंच मुहैया करा रही है। यहां तक कि सरकारी कंपनियां भी समान अवसर पर प्रतिस्पर्धा करेंगी ।