नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। कुतुबमीनार झुकी है या नहीं यह जानने के लिए पहली बार खगोलीय वैज्ञानिक परीक्षण करने जा रहे हैं। मंगलवार (21 जून) को राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से विष्णु गरुड़ स्तंभ (लौह स्तंभ) तथा कुतुबमीनार की परिधि में पड़ने वाली सूर्य की छाया का वैज्ञानिक विश्लेषण होने जा रहा है। सरकारी तौर पर पहली बार यह परीक्षण होगा।
यह परीक्षण उस समय होगा जब सूर्य मध्याह्न रेखा पर होगा। यानि सुबह 11.30 से लेकर 1.30 मिनट तक कुतुबमीनार की छाया का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाएगा। यह विश्लेषण हर दस मिनट पर किया जाएगा। इस मापन के माध्यम से यह भी जांचा जा सकेगा कि क्या कुतुबमीनार किसी एक कोण पर या किसी एक दिशा में झुकी हुई है या नहीं। यदि वह झुकी हुई है, तो कितने कोण पर झुकी हुई है, यह 21 जून को होने वाले ग्रीष्म अयनांत (समर सोलस्टिक) के दिन किया जा रहा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरण उपयोग में लाये जा रहे हैं। अध्ययन की रिपोर्ट राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय को सौंपी जाएगी।
बता दें कि सूर्य जब मध्याह्न रेखा पर होता है ताे आप जिस स्थान पर भी हों, वहां से काल्पनिक वृत्त जो उत्तर, दक्षिण और शीर्ष बिंदू को स्पर्श करते हुए जाता है, इससे कुतुबमीनार की ऊंचाई एवं उसके आकार के परिप्रेक्ष्य में सूर्य की छाया की लंबाई एवं चौड़ाई का मापन किया जा सकेगा। इस मापन के माध्यम से यह भी जांचा जा सकेगा कि क्या कुतुबमीनार किसी एक कोण पर या किसी एक दिशा में झुकी हुई है या नहीं।
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान से डॉ. नीरज मोहन रामानुजन, अध्यक्ष संपर्क एवं विज्ञान संवाद डॉ. वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान नैनीताल तथा राजीव ध्यानी भारतीय सर्वेक्षण विभाग (सर्वे आफ इंडिया) इन गतिविधियों का मापन कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो प्रधानमंत्री तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को भेजी जाएगी। संस्कृति प्रेमियों एवं पुरातत्व के संबंध में अनुसंधान में रूचि रखने वाले, शोध एवं अध्ययन करने वाले, छात्रों एवं विद्वानों को प्रदान की जाएगी।