The culprits of ‘Agneepath : यूपी में ‘अग्निपथ’ के गुनहगारों के चेहरे जल्द होंगे बेनकाब

अग्निपथ योजना का विरोध शनिवार को भी रहा जारी, कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन

-पुलिसकर्मियों को पत्थर मारकर किया घायल, बलिया जिले में 300 अज्ञात पर एफआईआर

लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। सैन्य भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को भी हिंसक प्रदर्शन किए गए। पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। प्रदर्शनकारियों में शामिल अधिकतर युवा नकाब लगाकर सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचा रहे हैं। इस पूरे मामले की जांच में जुटीं एजेंसियों के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जिसका जल्द ही खुलासा होगा। जांच एजेंसियां अग्निपथ योजना के गुनहगारों के चेहरे जल्द बेनकाब करेंगी।

जांच एजेंसी ने बिखरी कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया है कि आखिरकार ये युवा रेलवे स्टेशन और बसों को ही क्यों निशाना बना रहे हैं। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने स्वीकार किया है कि कुछ संगठनों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके खिलाफ जांच जारी है। सारे तथ्यों के सामने लाने के बाद इसका खुलासा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है। अलीगढ़ में उपद्रवियों के पोस्टर भी लगाये गये हैं। इस मामले में बलिया जिले में अब तक 300 अज्ञात उपद्रवियों के विरुद्ध एफआईआर की गयी है। इससे पहले हिंसक प्रदर्शन में अब तक 15 एफआईआर दर्ज की गयी हैं। 101 लोगों की गिरफ्तारी के अलावा धारा 151 के तहत 168 लोगों का चालान किया गया है। ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं। नुकसान की भरपाई भी इन उपद्रवियों से करायी जाएगी।

प्रदेश के मीरजापुर, चंदौली, जौनपुर समेत कई जिलों में शनिवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुआ। बसों को आग के हवाले कर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। पुलिसकर्मियों पर पत्थर चलाकर उन्हें घायल किया गया। पुलिस की सतर्कता से जल्द ही इस हिंसक घटना को काबू में कर लिया गया। विरोध प्रदर्शन से 200 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं। अब पुलिस ने चिह्नित उपद्रवियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है।

अग्निपथ का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने जौनपुर जिले के दो थाना क्षेत्रों में जमकर प्रदर्शन किया। वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए लखनऊ से वाराणसी जा रही दो रोडवेज बसों को क्षतिग्रस्त कर उसमें आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों को समझाने को पहुंची पुलिस टीम पर भी पथराव किया गया, जिसमें थानेदार समेत कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

सूचना पाकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी, अपर पुलिस अधीक्षक शहर डॉ. संजय कुमार सिंह भारी पीएसी बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पीएससी ने घेराबंदी की तो आंदोलनकारी छात्र मौके से फरार हो गए। प्रशासन ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया। एहतियात के तौर पर तनावपूर्ण स्थान पर पुलिस फोर्स के साथ पीएसी तैनात कर दी गयी।

यहीं हाल मीरजापुर जिले का भी रहा, जहां प्रदर्शनकारियों ने शनिवार सुबह 10:30 बजे सवारियों से भरी रोडवेज की जनरथ बस में तोड़फोड़ शुरू कर दी। चालक स्थिति को भांपते हुए बस को किनारे लगाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले गया। इस बीच सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठी चलाकर उपद्रवियों को वहां से खदेड़ा। दूसरी बस से सवारियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इससे पहले भारी संख्या में उपद्रवी पत्थरबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन के अंदर घुस थे। यहां पर उपद्रवियों ने ट्रेन पर पथराव का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने सभी उपद्रवियों को दौड़ा लिया। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने शहरभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए सभी सार्वजनिक जगहों पर पुलिस बल तैनात कर दिए। डीएम और एसपी लगातार भ्रमण कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है।

चंदौली जिले के कुछमन स्टेशन के पास एकत्र हुए युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। लामबंद युवाओं ने मुंह ढंककर स्टेशन मास्टर कार्यालय, केबिन और गेट पर पथराव के साथ तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना पर वहां पहुंचे तारापुर चौकी इंचार्ज ने मोर्चा संभाला तो युवकों ने उन पर भी पथराव कर दिया। पत्थरबाजी में दारोगा समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गये।

तनावपूर्ण स्थिति होने पर मौके पर एसपी अंकुर अग्रवाल, सकलडीहा सीओ और आसपास के थानों की फोर्स वहां पहुंच गईं। पुलिस बल प्रयोग कर युवकों को खदेड़ना शुरू किया तो उपद्रवी भाग निकले। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। मौके पर पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है। घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। इस संबंध में शनिवार को बात करते हुए पुलिस महानिरीक्षक के. सत्य नारायण ने बताया कि आज कुछ उपद्रवी छात्रों द्वारा बसों में तोड़फोड़ एवं आगजनी की गई है। कुछ लोगों की गिरफ्तारी की गई है और जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारी होंगी।

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