Chhindwara: छिंदवाड़ाः शहीद जवान भारत का पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

नम आंखों से हजारों लोगों ने दी छिंदवाड़ा के लाल को अंतिम विदाई

– भारत नगर के नाम से जाना जाएगा रोहना गांव, कृषि मंत्री पटेल ने की घोषणा

छिंदवाड़ा/भोपाल, 18 जून (हि.स.)। जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले भारतीय सेना के जवान भारत यदुवंशी का शनिवार को उनके गृह ग्राम छिंदवाड़ा जिले के शंकरखेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शहीद को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। प्रदेश के कृषि एवं जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने घोषणा की कि अब रोहना ग्राम पंचायत का नाम भारत नगर होगा। गांव में एक तालाब भी बनेगा, जिसका नाम भारत होगा।

कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि शहीद जवान भारत यदुवंशी का बलिदान अमर हो गया है। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, चंद्रभान सिंह समेत बड़ी संख्या में आमजन अपने जांबाज सपूत की अंतिम विदाई में शामिल हुए।

गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर स्थित रोहनकलां ग्राम पंचायत के ग्राम शंकरखेड़ा के रहने वाले 30 वर्षीय भारत यदुवंशी पुत्र ओमप्रकाश यदुवंशी 14 सितंबर 2015 को भर्ती हुए थे तथा वर्तमान में भारतीय थलसेना राष्ट्रीय राइफल्स 41 में पदस्थ थे। गत 15 जून की शाम वे पोस्ट पर ड्यूटी पर तैनात थे, तभी आतंकवादियों ने ग्रेनेट से हमला कर दिया था, जिसमें भारत शहीद हो गए थे। अगले दिन 16 जून को सुबह भारत के शहीद होने की सूचना उसके छोटे भाई नारद यदुवंशी को भारतीय सेना की ओर से दी गई थी। नारद भी भारतीय सेना में पुलवामा में पदस्थ है।

शुक्रवार देर रात शहीद भारत का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम शंकरखेड़ा पहुंचा, जहां शनिवार सुबह उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान भारतीय सेना के जवान, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आसपास के हजारों लोग मौजूद रहे और उन्होंने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। इस दौरान भारत माता की जय और शहीद अमीर रहे के नारों से वातावरण गूंज उठा।

उल्लेखनीय है कि शहीद भारत यदुवंशी का विवाह उर्मिला यदुवंशी से हुआ था तथा उनकी दो बेटियां पांच वर्षीय आशी और दो वर्षीय दीप्पू है और उनकी पत्नी उर्मिला गर्भवती है। भारत यदुवंशी के पिता ओमप्रकाश यदुवंशी पेशे से किसान है तथा गांव में ही उनकी कृषि भूमि है। कृषि कार्य करते हुए उन्होंने अपने दोनों बेटों को देश की सेवा के लिए सेना में भेज दिया था। भारत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रोहना स्कूल से हायर सेकेंडरी तथा शहर के डीडीसी कालेज से बीए तथा डीसीए की पढ़ाई की थी तथा बचपन से सेना में जाने का सपना देखा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *