लंदन, 17 जून (हि.स.)। ब्रिटेन ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण संबंधी अमेरिकी सरकार के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। अमेरिका में जासूसी और खुफिया दस्तावेजों के प्रकाशन को लेकर वांछित असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश दो माह पूर्व ब्रिटेन की एक अदालत ने दिया था।
ब्रिटेन की अदालत ने अप्रैल माह में जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने के आदेश जारी किए थे।इस आदेश के बाद अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों की खुफिया और गुप्त जानकारियां सार्वजनिक कर चर्चा में आए विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की मुसीबतें बढ़ी हुई मानी जा रही थीं। अमेरिका में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमों के बाद वर्ष 2010 में असांजे के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद असांजे को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही असांजे को ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यर्पित करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे थे।
अदालती आदेश के बाद असांजे के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल को फैसला करना था। अब गृह सचिव कार्यालय की ओर से असांजे के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की जानकारी दी गयी है। साथ ही कहा गया है कि असांजे के पास अपील के लिए 14 दिन का समय है। ब्रिटेन की गृह सचिव के इस आदेश के बाद विकीलीक्स ने मामले में अपील करने की बात कही है। असांजे की पत्नी स्टेला ने कहा कि उनके पति ने कुछ गलत नहीं किया है, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे एक पत्रकार और प्रकाशक हैं और वे अपना काम कर रहे थे।
यदि असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया जाता है, तो उन्हें वहां जासूसी से जुड़े कानून तोड़ने के लिए 18 आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ेगा। इनमें कंप्यूटर दुष्प्रयोग के साथ अहम दस्तावेजों के प्रकाशन के मामले भी शामिल हैं। असांजे पर तमाम खुफिया जानकारियां सार्वजनिक करने के आरोप भी लगे हैं। इन मामलों में दोषी साबित होने पर उन्हें लगभग 175 वर्ष के कारावास की सजा काटनी प