फ्रांसीसी इन्फ्रारेड होमिंग मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम एमबीडीए ने बनाया
– कंधे पर रखकर दागी जा सकती है छोटी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली
नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और यूरोपियन कंपनी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स ने शुक्रवार को भारत में मिस्ट्रल एयर टू एयर मिसाइलों का निर्माण करने के लिए पेरिस में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह फ्रांसीसी इन्फ्रारेड होमिंग मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम है जिसे एमबीडीए ने निर्मित किया है। अब एमबीडीए के सहयोग से बीडीएल भारत में इस मिसाइल का निर्माण करेगी।
ट्रांसपोर्टेबल लाइटवेट एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल को आमतौर पर मिस्ट्रल कहा जाता है। जमीन से हवा में बहुत कम दूरी तक मार करने के लिए 1974 में इसे पोर्टेबल मिसाइल के रूप में विकसित करने के प्रयास शुरू किये गए। इसका पहला संस्करण (एस1) 1988 में, दूसरा (एम2) संस्करण 1997 में और तीसरा संस्करण 2019 में तैयार किया गया था। मिस्ट्रल छोटी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है जिसका उपयोग वाहनों, सतह के जहाजों और हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ पोर्टेबल कॉन्फ़िगरेशन में भी किया जा सकता है। इस मिसाइल को कंधे पर या तिपाई पर रखकर भी दागा जा सकता है। इसे कमांडर और शूटर के रूप में चालक दल की एक जोड़ी के साथ संचालित किया जाता है।
इसके अलावा मिस्ट्रल मिसाइल को बख्तरबंद वाहनों, जहाजों या हेलीकॉप्टरों से भी लॉन्च किया जा सकता है। एक लक्षित विमान का पीछा करने के बजाय नेविगेशन को भी मिस्ट्रल के लिए अपनाया जाता है। मिस्ट्रल कोऑर्डिनेशन पोस्ट (एमसीपी) को पहली बार 1991 के पेरिस एयर शो में दिखाया गया था, जिसमें शॉर्ट-रेंज एंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंस रडार लगा था। इसका सैन्य इकाइयों और वायु रक्षा के लिए एमबीडीए मिस्ट्रल मिसाइल ग्राउंड बेस्ड एयर डिफेंस (जीबीएडी) सिस्टम के हिस्से के रूप में भी उपयोग किया जाता है। एमसीपी के नए संस्करण को इम्प्रूव्ड मिसाइल कंट्रोल पोस्ट कहा जाता है।
मिस्ट्रल का उत्पादन 1989 में शुरू किया गया और मौजूदा समय में ऑस्ट्रिया, ब्राजीलियाई मरीन कॉर्प्स, चिली, कोलंबिया, साइप्रस, इक्वाडोर, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, हंगरी, इंडोनेशिया, मोरक्को, न्यूजीलैंड, ओमान, पाकिस्तान, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्पेन और वेनेजुएला सहित 25 देशों के 37 सशस्त्र बल इसका उपयोग कर रहे हैं। नॉर्वे ने यूक्रेन को रूस के साथ 2022 में संघर्ष शुरू होने पर मिस्ट्रल मिसाइलों का अपना पूरा स्टॉक दान कर दिया है। अब तक इसके लैंड सिस्टम, नेवल सिस्टम, एयरबोर्न सिस्टम और सबमरीन एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किये जा चुके हैं।
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने यूरोपियन कंपनी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स के साथ करार करने के बाद ट्विट किया कि बीडीएल और एमबीडीए ने भारत में मिस्ट्रल मिसाइलों के निर्माण के लिए पेरिस में यूरोसैटरी-22 में आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इससे दोनों कंपनियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग की पुष्टि और भविष्य में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। हैदराबाद स्थित बीडीएल कंपनी भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न मिसाइलों, संबद्ध उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति के लिए डीआरडीओ और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के सहयोग से काम कर रही है।