नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़ी सफलता हासिल की है। पार्टी ने महाराष्ट्र सत्तारूढ़ शिवसेना से जहां एक सीट छीन ली, वहीं कर्नाटक में उम्मीद से ज्यादा एक सीट पर कब्जा पा लिया है।
देश के चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के लिए गत शुक्रवार को मतदान संपन्न हुआ और नतीजे भी आ गए हैं। चुनाव नतीजों में भाजपा को कर्नाटक में तीन और कांग्रेस को दो सीटों पर सफलता मिली है। जबकि, राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा पर बढ़त बनाते हुए तीन सीटें अपनी झोली में डाल ली और भाजपा को एक सीट ही मिल सकी। वहीं, हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन को पराजय का सामना करना पड़ा। राज्य की दो सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा के कृष्णलाल पंवार और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को जीत हासिल हुई है। शर्मा भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के समर्थित उम्मीदवार थे।
राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला । इस मुकाबले में भाजपा ने सत्तारूढ़ शिवसेना से एक सीट छीन ली। राज्य में भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है। जबकि, शिवसेना के संजय राउत, कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रफुल्ल पटेल को जीत हासिल हुई है। शिवसेना के संजय पवार को भाजपा के धनंजय महादिक के हाथों मात मिली है।
उधर, हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन को भाजपा-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने पराजित कर दिया। मतगणना में कांग्रेस का एक वोट रद्द होने के बाद शर्मा को विजयी घोषित किया गया। कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगा है और पार्टी ने उन्हें सभी पदों से निष्कासित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने माकन को वोट न देकर क्रॉस वोटिंग की।
राजस्थान में कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई है। प्रमोद तिवारी को अगर एक वोट कम मिलता तो उन्हें हार का सामना करना पड़ता। कांग्रेस ने यहां चार में से तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। राज्य में तीन सीट जीतने के लिए कांग्रेस को 123 वोट चाहिए थे। जबकि उसे 126 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला को 43, मुकुल वासनिक को 42 और प्रमोद तिवारी को 41 वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार घनश्याम तिवाड़ी को 43 वोट प्राप्त हुए।
कर्नाटक में भाजपा को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई। संख्या बल के हिसाब से उसे दो सीटें ही मिलनी थी किंतु, चार सीटों पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने दो और जनता दल (एस) ने एक प्रत्याशी उतार दिया। इस कारण भाजपा को यहां उम्मीद से ज्यादा और एक सीट मिल गई। कांग्रेस से जयराम रमेश को भी यहां सफलता मिली है।