Loksabha : देश के विकास और शासन व्यवस्था में लोक सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिकाः बिरला

नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि देश के विकास और शासन व्यवस्था में लोक सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए उन्हें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि उनके निर्णयों का असर जन साधारण के जीवन पर पड़ेगा।

बिरला ने आज संसद परिसर में संसदीय पद्धतियों और प्रक्रियाओं के संबंध में भारतीय प्रशासनिक सेवा- 2021 बैच और रॉयल भूटान सिविल सर्विस के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए आयोजित परिबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवा लोक सेवकों का आवाहन किया कि उनका प्रयास समाज के आखिरी व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने पर केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत वर्ष 2047 में जब अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा हो, तो हम सभी मानदंडों पर विश्व में सबसे ऊपर रहें, भारत एक समर्थ, सशक्त एवं समृद्ध राष्ट्र के रूप में विश्व का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनका दायित्व है कि वे इस विजन को साकार करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।

कानूनों के निर्माण में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि लोक सेवक पुराने बने हुए कानूनों का अध्ययन करें, यह देखें कि कौन से कानून आज समय के साथ प्रासंगिक नहीं रह गए हैं और जिन्हें परिवर्तित किए जाने की आवश्यकता है। वे आम जन की सुविधा को देखते हुए ऐसे कानूनों में बदलाव कर सकते हैं या जरूरत हो, तो उन्हें निरस्त भी कर सकते हैं।

बिरला ने आगे कहा कि 21वीं सदी के भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत का, आधुनिक भारत का, समृद्ध भारत का, सशक्त भारत का एवं समर्थ भारत का है। उन्होंने परामर्श दिया कि जब लोक सेवक फील्ड में काम करेंगे, तो उनको असली फील मिलेगी । उन्होंने कहा कि उनकी सफलता का मूलमंत्र होगा कि वे अपने कार्यों में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास करें, अधिक से अधिक सामाजिक संगठनों को जोड़ें, यहां तक कि समाज का आखिरी व्यक्ति भी उनके प्रयासों का हिस्सा होना चाहिए, उसे भी यह लगना चाहिए कि वह समाज का एक महत्वपूर्ण भाग है।

बिरला ने आगे कहा कि भारत जैसे देश में सफलता के लिए हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर जनभागीदारी ही हमारे विकास और सफलता का आधार है। जनभागीदारी मात्र लोकतान्त्रिक संस्थाओं के लिए ही नहीं है बल्कि प्रशासनिक संस्थाओं के लिए भी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम प्रशासन में जनभागीदारी को कैसे बढ़ाएं, कैसे जनता को उनके लिए बनाए जा रहे नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ा जाए।

लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि लोक सेवकों के लिए सौभाग्य का विषय है कि आज तकनीक की महत्ता इतनी अधिक हो गई है कि हमारे जीवन के हर क्षेत्र में उसका अधिक से अधिक उपयोग हो रहा है। पिछले 200 साल में टेक्नोलॉजी ने मानव जाति पर जितना प्रभाव पैदा नहीं किया है, उतना पिछले 40 वर्षों में ही कर दिया है। गवर्नेंस में भी टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा का पूरा उपयोग करके अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचाया जाये।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के 181 प्रोबेशनर तथा रॉयल भूटान सिविल सर्विस के 2 प्रशिक्षु अधिकारी इस परिबोधन कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

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