Jahangirpuri Violence जहांगीरपुरी हिंसा: घटना के छह दिन पहले रची थी साजिश

नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार,जांच में सामने आया है कि 10 अप्रैल राम नवमी से ही हिंसा के आरोपितों ने 16 अप्रैल हुनमान जयंती पर हिंसा करने की योजना बनाई थी। योजना के तहत आरोपितों ने घरों की छतों पर पत्थर और कांच की बोतलें रखी थी,ताकि हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया जा सके।

16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दौरान जब शोभा यात्रा सी ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंची आरोपितों ने साजिश के तहत भीड़ को उकसाते हुए। शोभा यात्रा को रोका और रोकने के दौरान पथराव शुरू हो गया। वही, पुलिस अब तक गिरफ्तार आरोपितों के पास से तलवार और देसी कट्टे बरामद कर चुकी है जिनकी संख्या दोनों को मिलाकर करीब 15 हैं। वहीं जहांगीरपुरी हिंसा के तीन मास्टरमाइंड मुख्य आरोपित तबरेज अंसारी, मोहम्मद अंसार और इशर्फिल है। फिलहाल आरोपित इशर्फिल की तलाश कर रही है।

हिंसा का पहला मास्टरमाइंड

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आरोपित तबरेज अंसारी ने पूरी साजिश में तीन चेहरे बनाये। दंगे के बाद वह खुद पुलिस के सामने अच्छा बनकर अमन चैन की बात करने लगा। वहीं पीछे से लोगों को उकसाने का काम भी जारी रखा।

सूत्रों की माने तो तबरेज ने लोगों को भड़काने का सिलसिला सीएए-एनआरसी के दौरान शुरू किया था। सीएए-एनआरसी के खिलाफ जहांगीरपुरी के कुशल चौक पर चलने वाली प्रोटेस्ट साइट को चलाने में इसका अहम रोल था। तब से ही इसका इलाके में मुस्लिमों को भड़काने का सिलसिला लगातार जारी था।

हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड

आरोपित शेख इशर्फिल वो आरोपित है जिसकी छतों से पथराव और कांच की बोतलें फेंकी गई थी। इसके मकान की छत से एफएसएल को जांच के दौरान पत्थर और कांच की बोतलें मिली है। इसका और इसके बेटे अशनूर और मोहम्मद अली का क्रिमिनल बैकग्राउंड भी पुलिस को जांच के दौरान मिला है।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला की इसने भी सीएए-एनआरसी के दौरान यहां से लोगों को इकठ्ठा कर बसों में भरकर प्रदर्शन स्थल पहुंचाया था। वहीं इशर्फिल पार्किंग माफिया भी है।

हिंसा का तीसरा मास्टरमाइंड

आरोपित मोहम्मद अंसार भी तबरेज अंसारी के साथ मिलकर हिंसा की साजिश में शामिल था। हिंसा वाले दिन इसने लोगों को भड़काने का काम किया था। दिल्ली पुलिस अब तक इस हिंसा में तीन नाबालिग समेत 38 लोगों को पकड़ चुकी है।

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