फिच ने भारत की रेटिंग आउटलुक में किया सुधार, नकारात्मक से स्थिर किया

रेटिंग एजेंसी को वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान

नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। रूस-यक्रेन जंग के बीच देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को देश की सॉवरेन रेटिंग को ‘बीबीबी’ पर कायम रखा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया है, जबकि पहले 8.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को नकारात्मक से बदलकर स्थिर कर दिया है।

रेटिंग एजेंसी ने जारी ताजा रिपोर्ट में भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को नकारात्मक से बदलकर स्थिर करने की वजह भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक सुधार के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम होना बताया है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ के अनुमान को 8.5 फीसदी के अपने पूर्वानुमान को घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया है।

फिच रेटिंग्स ने इसकी वजह वैश्विक जिंस की कीमतों में तेजी के कारण बढ़ती महंगाई को विकास दर के अनुमान में कटौती की वजह बताया है। रेटिंग एजेंसी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘बीबीबी’ पर बरकरार रखा है। इससे पहले विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया, जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआाई) ने मौजूदा परिदृश्य में जीडीपी 7.2 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। हालांकि, बीते वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी रही थी, जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी।

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