नई दिल्ली, 09 जून (हि.स.)। घरेलू जरूरत के मुताबिक कोयला की सप्लाई कर पाने में हो रही पेरशानी के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की सलाह पर देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से कोयला खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए कोल इंडिया लिमिटेड ने सितंबर के अंत तक 24.16 लाख टन कोयला आयात करने के लिए पहली बार वैश्विक स्तर पर एक प्रतिस्पर्द्धी ई-टेंडर जारी किया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार से मंगाए जाने वाले इस 24.16 लाख कोयले की अनुमानित कीमत करीब 3,100 करोड़ रुपये होगी। आयातित कोयले की सप्लाई 7 सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) और 19 स्वतंत्र ऊर्जा परियोजनाओं (इंडिपेंडेंट पावर प्लांट्स) को की जाएगी। स्वतंत्र ऊर्जा परियोजनाओं में जिंदल इंडिया थर्मल, जेपी पावर, जीएमआर, सेंबकॉर्प, वेदांत पावर, रतन इंडिया, सीईएससी और अजंता पावर जैसी कंपनियां शामिल हैं।
केंद्र सरकार की ओर से पावर सेक्टर की जरूरत के मुताबिक कोयले का आयात करने का निर्देश मिलने के बाद कोल इंडिया ने 2 जून को हुई अपने बोर्ड की बैठक में अंतरराष्ट्रीय बाजार से कोयला आयात करने के लिए 2 अंतर्राष्ट्रीय टेंडर जारी करने की बात को मंजूरी दी थी। इन 2 अंतरराष्ट्रीय टेंडर्स में से एक टेंडर शॉर्ट टर्म का यानी इस साल सितंबर के महीने तक कोयले का आयात करने के लिए था। वही दूसरा मीडियम टर्म का टेंडर था, जिसके तहत अगले साल सितंबर के महीने तक कोयले का आयात किया जाएगा।
कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी ने पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धी ई-टेंडर जारी किया है, जिसके तहत 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए बोलियां मंगाई गई हैं। कंपनी का ये बयान शॉर्ट टर्म टेंडर के लिए है, जिसमें सरकारी कंपनियों और इंडिपेंडेंट पावर प्लांट्स दोनों की तरफ से आई मांग के आधार पर कोयले के आयात की कुल मात्रा तय की गई है।
इस टेंडर के तहत बोली प्राप्त करने की आखिरी तारीख 29 जून है। बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुनी गई सफल कंपनी भारत की सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों और इंडिपेंडेंट पावर प्लांट को कोयले की सप्लाई करेगी। बताया जा रहा है कि कि कोल इंडिया जल्दी ही मीडियम टर्म वाले यानी अगले साल सितंबर महीने तक की अवधि वाले टेंडर को भी जल्दी ही जारी करेगी।