रक्षा मंत्रालय की टीडीएफ योजना के तहत अब 50 करोड़ रुपये दिए जायेंगे

 डीआरडीओ देगा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा

– केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप बढ़ाया गया बजट

नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत अब प्रति परियोजना 50 करोड़ रुपये दिए जायेंगे। इस योजना के तहत अब तक 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रौद्योगिकी विकास निधि के जरिये प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत वित्त पोषण को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये प्रति परियोजना करने को मंजूरी दे दी है। डीआरडीओ टीडीएफ योजना के तहत एमएसएमई और स्टार्ट-अप के जरिये पुर्जों, उत्पादों, प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास में मदद करता है। केंद्रीय बजट 2022-23 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत निजी उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों के लिए रखा गया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार बढ़ाया बजट केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिससे ‘रक्षा में आत्मनिर्भर’ के दृष्टिकोण को और बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार टीडीएफ योजना का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाने, रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए उद्योग को प्रोत्साहित करके रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करना है। इस योजना के तहत कुल लागत परियोजना का 90 प्रतिशत हिस्सा दिया जा सकता है। बढ़ी हुई फंडिंग से रक्षा उद्योग स्टार्टअप, भविष्य की हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों के लिए अधिक जटिल तकनीक विकसित की जा सकेगी। टीडीएफ योजना के तहत अब तक 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।

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