नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। भारतीय महिला टेस्ट और वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने बुधवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। मिताली ने खेल से संन्यास की घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
मिताली ने ट्वीट किया, ”पिछले 23 साल मेरे जीवन के सबसे अधिक संतोषजनक, चुनौतीपूर्ण और आनंददायक वर्ष रहे हैं। सभी यात्राओं की तरह इसका भी अंत होना चाहिए।”
अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय करियर में मिताली ने मार्च में न्यूजीलैंड में खेले गए एकदिवसीय विश्व कप में टीम का नेतृत्व किया। उनकी कप्तानी में टीम ने विश्व कप में तीन मैच जीते और चार हारे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप में एक ग्रुप स्टेज मैच में अपनी अंतिम अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति में मिताली ने 68 रन बनाए। कुल मिलाकर उन्होंने 12 टेस्ट, 232 एकदिवसीय और 89 टी-20 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
रिकार्डों की लगाई झड़ी
अपने लंबे करियर के दौरान 39 वर्षीय मिताली ने कई रिकॉर्ड बनाए। अक्टूबर 2019 में राज एकदिवसीय क्रिकेट में पूरे दो दशक खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। उन्होंने भारत के लिए जो 232 एकदिवसीय मैच खेले, वह एक महिला क्रिकेटर द्वारा एकदिवसीय मैचों में खेले गए सबसे अधिक मैच हैं और 7805 रनों के साथ वह महिला एकदिवसीय मैचों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड रखती हैं।
उन्होंने 155 एकदिवसीय मैचों में भारत का नेतृत्व किया है।जो प्रारूप में एक कप्तान द्वारा सबसे अधिक है। 22 साल और 274 दिनों में उन्होंने महिला एकदिवसीय मैचों में सबसे लंबे करियर का आनंद लिया है और प्रारूप में 6000 रन बनाने वाली पहली महिला हैं।
वह एकमात्र भारतीय कप्तान होने का गौरव रखती हैं (पुरुष या महिला), जिसने देश को 50 ओवर के विश्व कप के दो फाइनल में पहुंचाया। वह महिला टी-20 में भारत के सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी भी हैं। 19 साल और 254 दिनों की उम्र में मिताली राज ने इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में दोहरा शतक बनाया। इसके साथ ही वह महिला टेस्ट मैचों में दोहरा शतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।