Mahila Suraksha : आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन महिला सुरक्षा’ के दौरान 150 लड़कियों को बचाया

नई दिल्ली, 02 जून (हि.स.)। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने देशभर में चलाये गये ‘ऑपरेशन महिला सुरक्षा’ के दौरान 150 नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया। इस अभियान के दौरान आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनाधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 7000 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया है।

रेल मंत्रालय ने गुरुवार को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि महिलाओं की सुरक्षा और बचाव हमेशा भारतीय रेलवे के लिए सर्वोपरि रही है। भारतीय रेलवे में महिलाओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारी अथक प्रयास कर रहे हैं। महिला सुरक्षा के इस उद्देश्य को समर्पित एक अखिल भारतीय अभियान ‘ऑपरेशन महिला सुरक्षा’ 3 से 31 मई तक चलाया गया।

इस अभियान के दौरान आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनाधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 7000 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ ने 150 लड़कियों और महिलाओं को मानव तस्करी का शिकार होने से भी बचाया।

ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा के लिए बेहतर सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय पहल ‘मेरी सहेली’ भी चालू है। प्रशिक्षित महिला अधिकारियों और कर्मियों की 283 टीमें (223 स्टेशनों को कवर करते हुए) प्रति दिन औसतन कुल 1125 महिला आरपीएफ कर्मियों की तैनाती के साथ, भारतीय रेलवे में तैनात हैं, जिन्होंने इस अवधि के दौरान 2 लाख 25 हजार से अधिक महिलाओं के साथ बातचीत की और उन्हें सुरक्षा प्रदान की।

इस अवधि के दौरान पुरुष और महिला आरपीएफ कर्मियों की मिश्रित संरचना के साथ ट्रेन एस्कॉर्ट ड्यूटी भी व्यापक रूप से तैनात की गई थी। मिश्रित एस्कॉर्ट ड्यूटी कुछ महीने पहले शुरू हुई है और इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

रेल उपयोगकर्ताओं को उनकी यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा और क्या करें और क्या न करें के बारे में शिक्षित करने के लिए 5742 जागरूकता अभियान आयोजित किए गए। इस महीने के लंबे ऑपरेशन के दौरान, आरपीएफ कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए 10 महिलाओं की जान बचाई, जो चलती ट्रेन में चढ़ते व उतरते समय फिसल गई थीं और चलती ट्रेन से टकराने की संभावना थी।

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