नई दिल्ली, 1 जून (हि.स.)। कोलकाता के क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन काफी यादगार है। आठ साल पहले आज ही के दिन 1 जून 2014 को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने किंग्स इलेवन पंजाब (जिसे अब पंजाब किंग्स के नाम से जाना जाता है) को हराकर अपना दूसरा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिताब जीता था। इसी कके साथ केकेआर की टीम आईपीएल फाइनल में 200 या उससे अधिक के लक्ष्य का पीछा करने वाली एकमात्र टीम बन गई थी।
इससे पहले, केकेआर ने 2012 में एमए चिदंबरम स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स को 5 विकेट से हराकर खिताब जीता था।
आईपीएल 2014 में केकेआर, जो 18 अंकों के साथ अंक तालिका में दूसरे स्थान पर था, ने क्वालीफायर 1 में किंग्स इलेवन पंजाब को 28 रनों से हराकर फाइनल में अपना सीधा टिकट अर्जित किया। दूसरी ओर पंजाब, जो लीग चरण में 22 अंकों के साथ तालिका में टॉपर रही, ने क्वालिफायर 2 में सीएसके को 24 रनों से हराकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
खिताबी मुकाबले में पंजाब ने 20 ओवर में 4 विकेट पर 199 का स्कोर खड़ा किया। वीरेंद्र सहवाग (7) और कप्तान जॉर्ज बेली के जल्दी आउट होने के बाद रिद्धिमान साहा ने केकेआर के गेंदबाजों पर हमला शुरू किया और 55 गेंदों पर 115 रनों की नाबाद पारी खेली। इस दौरान उन्होंने दस चौके और आठ छक्के लगाए। मनन वोहरा ने भी 52 गेंदों पर 67 रन की बहुमूल्य पारी खेली। केकेआर के लिए पीयूष चावला ने चार ओवर में 44 रन देकर 2 विकेट लिए।
200 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी केकेआर की टीम ने पहले ओवर में सलामी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को खो दिया, लेकिन कप्तान गौतम गंभीर (23) और मनीष पांडे ने संभलकर खेलते हुए 7 वरों में टीम का स्कोर 59 तक पहुंचा दिया। यूसुफ पठान ने इससे पहले 22 रन पर 36 रन बनाए। जब टीम 130 रनों के स्कोर पर थी तब करणवीर सिंह ने पठान को पवेलियन भेजा। दूसरी तरफ गिरते विकेटों के बीच एक छोर पर मनीष पांडे खड़े रहे। उन्होंने 50 गेंदों पर 94 रन बनाए। पांडे ने अपनी पारी में सात चौके और छह छक्के लगाए। पांडे को करणवीर ने आउट किया। केकेआर को 17 में 21 की जरूरत थी। गेंदबाज पीयूष चावला ने अंतिम ओवर की तीसरी गेंद पर विजयी शॉट मारा और अपनी टीम को तीन विकेट से जीत और अपना दूसरा आईपीएल खिताब दिलाया। मनीष पांडे को उनकी शानदार पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार मिला।