बीजिंग, 28 मई (हि.स.)। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 24 जून को चीन की राजधानी बीजिंग में होने जा रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत, रूस और चीन इस शिखर सम्मेलन में एक साथ दिखेंगे।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का वर्ष 2022 का शिखर सम्मेलन बीजिंग में प्रस्तावित है। इस बार यह बैठक वर्चुअल प्रारूप में होगी किन्तु इस दौरान सभी प्रोटोकॉल के पालन पर जोर रहेगा। यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पहली बार किसी बड़ी बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। इसके अलावा इस बैठक में भारत, रूस और चीन जैसी महाशक्तियां एक साथ दिखेंगी। इनके बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बयान पर पूरी दुनिया की नजर बनी रहेगी।
वैसे माना जा रहा है कि ब्रिक्स के इस शिखर सम्मेलन में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर चर्चा होने की संभावना नहीं है। इससे पहले भी भारत और चीन इस मसले पर खुलकर बोलने से बचते रहे हैं। इस शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसके अलावा ब्रिक्स व्यापार परिषद, सीमा शुल्क मसलों पर आपसी सहयोग और न्यू डेवलपमेंट बैंक के बीच रणनीतिक सहयोग पर भी सभी देशों के प्रमुख विचार विमर्श करेंगे।
माना जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन में चीन अपनी नई वैश्विक सुरक्षा पहल के लिए समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेगा। इससे पहले 19 मई को ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं को समायोजित करने की बात कह चुके हैं। माना जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी लद्दाख और सीमा पर गतिरोध के मसले उठाकर चीन पर पलटवार कर सकते हैं। साथ ही वे चीन द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण का मसला भी उठा सकते हैं।