अफगानिस्तान पर सुरक्षा वार्ता में अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा पर जोर

-भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का मानवाधिकारों की रक्षा पर जोर

दुशांबे, 27 मई (हि.स.)। ताजिकित्सान की राजधानी दुशांबे में अफगानिस्तान पर चौथी क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में शामिल आठ देशों ने अफगानी आतंक से निपटने के लिए रचनात्मक तरीके खोजे जाने की बात कही है। वार्ता में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा पर जोर दिया है।

अफगानिस्तान पर दुशांबे में हुई इस सुरक्षा वार्ता में भारत के अलावा ताजिकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान, किर्गिस्तान और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख शामिल हुए। इस दौरान इन सभी देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने अफगानिस्तान में शांत और स्थिरता सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की। बैठक में कहा गया कि तालिबान द्वारा सत्ता संभालने के बाद भी अफगानिस्तान के भीतर आतंकी हमले तो हो ही रहे हैं, क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ने का जोखिम भी बना हुआ है। सभी सुरक्षा प्रमुखों ने आतंकवाद के जोखिमों से निपटने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने पर जोर दिया।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारत का पक्ष रखते हुए दुशांबे वार्ता में शामिल देशों से आतंकवाद व आतंकी गुटों से निपटने के लिए युद्धग्रस्त देश की क्षमताएं बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है और खड़ा रहेगा। अफगानिस्तान के साथ भारत के ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं। भारत सरकार हमेशा अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ी रही है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सम्मानजनक जीवन के साथ-साथ सब के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। मानवीय सहायता सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए। दावा किया कि भारत कई दशकों से अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे के विकास, संपर्क बढ़ाने तथा मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *