Tribute : उप्र विधान सभा ने लता मंगेशकर को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

लखनऊ, 24 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भारत रत्न से विभूषित और स्वर कोकिला के नाम से मशहूर जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सदन के सदस्यों के निधन पर उनके प्रति शोक संवेदना भी व्यक्त की गई।

मंगलवार को विधान सभा की कार्यवाही में प्रश्न काल के बाद नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव एवं अन्य दलीय नेताओं ने सदन के पूर्व सदस्यों के निधन पर उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन की सूचना दी, जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 6 फरवरी 2022 को लता मंगेश्कर का निधन हुआ। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने शोक संदेश में कहा कि लता जी न केवल हिंदी बल्कि अंग्रेजी, रशियन सहित कई अन्य भाषाओं में भी गाना गाया है। भारत के लगभग सभी सम्मान उन्हें मिले थे। अखिलेश ने कहा कि मैं आज सदन में अपनी पार्टी की तरफ से लता जी को शोक संवेदना व्यक्त करता हूं।

विधान सभा में दूसरे दिन प्रश्न काल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष आमने-सामने हुए। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने महिला अपराध और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने माकूल जवाब दिया।

नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था इस समय देश में नजीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। अपराध किसी भी तरह का हो, वह क्षम्य नहीं है। खासतौर पर महिला संबंधी अपराध में सरकार कठोरता से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। यहां अपराधियों के बारे में ये नहीं कहा जाता कि ‘‘लड़के हैं गलती कर देते हैं…।’’

योगी ने आगे कहा कि पिछले पांच साल में उप्र में कोई दंगा नहीं हुआ। नई सरकार के गठन के बाद राम नवमी के अवसर पर सात राज्यों में दंगे हुए लेकिन उप्र में कुछ नहीं हुआ। ईद के अवसर पर सड़कों पर कोई अराजकता नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चुनाव के वक्त और उसके बाद प्रदेश में व्यापक हिंसा होती थी, लेकिन 2022 के चुनाव के दौरान और उसके बाद प्रदेश में शांति का माहौल रहा।

अखिलेश यादव के बाद सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर ने भी खुद पर हुए हमले के मामले को सदन में उठाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने जांच कराने की बात कही। वहीं सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने नमामि गंगा प्रोजेक्ट में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। इस पर सरकार की तरफ से सदन को बताया गया कि इस परियोजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।

प्रश्नकाल में राष्ट्रीय लोकदल के प्रसन्न कुमार ने स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील पर महंगाई की मार का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई की वजह से बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पर रहा है। इस पर बेसिक शिक्षा के मंत्री संदीप सिंह ने सदन को बताया कि बच्चों को निर्धारित मेन्यू के हिसाब से खाना दिया जाता है और सरकार समय-समय पर मिड डे मील की लागत भी बढ़ाती रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि मिड डे मील में पौष्टिकता का पूरा ख्याल रखा जाता है।

बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने जहां जमकर हंगामा किया था, वहीं दूसरे दिन उसने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए सदन में सरकार को जमकर घेरने की कोशिश की। उधर सरकार की तरफ से भी विपक्ष को आज माकूल जवाब दिए गए। योगी सरकार 26 मई को सदन में वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत करेगी।

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